अल्मोड़ा/बागेश्वर/टिहरी/खटीमा/मसूरी: प्रदेश में लगातार संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ रहा है. हालांकि, राहत की बात ये है कि बीते दिनों के मुकाबले अब रोजाना मिलने वाले कोरोना केस में कमी जरूर आई है. ऐसा कोविड कर्फ्यू के बाद ही संभव हो पाया है. हालांकि, कोविड कर्फ्यू की वजह से लोगों का रोजगार ठप हो गया है. कोरोनाकाल में अल्मोड़ा में 50 फीसदी सवारियों में किराया बढ़ाने की मांग को लेकर कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन (केएमओयू) के बस संचालक विगत 16 दिनों से हड़ताल पर हैं. तो वहीं, उत्तराखंड परिवहन विभाग इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है. कर्मचारियों को पिछले 4 महीने से तनख्वाह नहीं मिली है. प्रदेश में कोरोना की स्थित पर एक नजर...
कोरोनाकाल में 50 फीसदी सवारियों में किराया बढ़ाने की मांग को लेकर कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन (केएमओयू) के बस संचालक विगत 16 दिनों से हड़ताल पर हैं. केएमओयू की हड़ताल से जिले में 40 बसों के पहिये थमे हुए हैं. हड़ताल के चलते केएमओयू को एक पखवाड़े में लाखों रुपये का घाटा हो गया है, जबकि चालकों व परिचालकों के लिए रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है.
विगत 2 मई से शुरू हुई केमू की हड़ताल पर शासन की ओर से अब तक कोई सुध नहीं लिए जाने से इसका असर बस मालिकों, चालकों व परिचालकों पर पड़ रहा है. वहीं यात्रियों को भी सस्ती व सुलभ सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. केएमओयू के बस संचालकों का कहना है आधे यात्रियों को ले जाने में उनको भारी नुकसान होगा, जिसके चलते उन्होंने हड़ताल का फैसला लिया है. बता दें, केमू कुमाऊं भर में यात्रा के लिए सस्ती और सुरक्षित सेवाओं में शामिल है. केमू की हड़ताल के चलते टैक्सी चालक मनमाना किराया वसूलते हैं. यात्रियों को अधिक किराया देकर यात्रा करनी पड़ रही है.
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कोरोना के दौर में संकट में उत्तराखंड परिवहन विभाग
कोविड के चलते उत्तराखंड परिवहन विभाग इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है. कर्मचारियों को पिछले 4 महीने से तनख्वाह नहीं मिली है, जिसके चलते कर्मचारियों के आगे संकट खड़ा हो गया है. यही नहीं, कोरोना से रोडवेज के 15 कर्मचारियों की मौत हो गयी है. इनके लिये सरकार से किसी भी तरह के मुआवजे की अब तक घोषणा नहीं की गई है. जबकि दूसरे राज्यों में कोविड के दौरान कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा करवाया गया है.
कर्मचारी नेता कमल पपनै का कहना है कि कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने के चलते उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है. यही नहीं उत्तराखंड रोडवेज की बसें उत्तराखंड की सीमा तक चलाई जा रही हैं, जिसके चलते रोडवेज की गाड़ियों के तेल का पैसा भी नहीं निकल पा रहा है. उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि जब तक कोविड के मामले कम नहीं होते तब तक रोडवेज बसों का संचालन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए, जिससे रोडवेज को नुकसान न उठाना पड़े. साथ ही इस संक्रमण के दौरान कर्मचारियों को भी राहत मिल सके.
बागेश्वर पुलिस ने वसूला 18 लाख का जुर्माना
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बागेश्वर जिले में मिशन हौसला के तहत पुलिस आम लोगों को जागरूक करने के साथ ही उनकी मदद करने में जुटी पड़ी है. इसके साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है. अब तक सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करने पर 5 हजार लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है. साथ ही 18 लाख लाख का जुर्माना वसूला जा चुका है. साथ ही 18 कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार भी पुलिस कर चुकी है.
'मिशन हौसला' के तहत अभी तक पुलिस 12 हजार मॉस्क बांटने के साथ ही 50 लोगों को दवाइयां वितरित कर चुकी है. इसके अलावा दर्जनों लोगों को एम्बुलेंस व सरकारी वाहन के माध्यम से चिकित्सालय तथा घर पहुंचा कर मदद कर चुकी है. पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड गाइडलाइन व अन्य नियमों का उल्लंघन करने पर जनपद पुलिस द्वारा आपदा प्रबन्धन एवं 60 आबकारी अधिनियम के तहत 13 मुकदमे दर्ज किए.
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सरकार और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर गंभीर आरोप
मसूरी में सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गोनियाल ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और राज्य सरकार पर कोरोना संक्रमण में आम और गरीब लोगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है और मसूरी पर्यटन में सभी छोटे बड़े व्यावसायिक, रिक्शा-टैक्सी चालक, दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग पर्यटन पर आधारित हैं. ऐसे में कोरोना काल में सभी लोगों के काम बुरी तरह से प्रभावित हो गए हैं. वह लोग खाने-पीने के लिए मोहताज हो रहे हैं, लेकिन इस ओर क्षेत्रीय विधायक और ना ही सरकार ध्यान दे रही है.
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए भी सरकार पूरी तरीके से विफल है. जो काम 1 साल पहले किए जाने चाहिए थे, वह काम अब किए जा रहे हैं. साल 2022 के चुनाव को देखते हुए सरकार फीता काटने की राजनीति में व्यस्त है, लेकिन धरातल पर कोई भी काम पूरे होते हुए नजर नहीं आ रहे हैं.
मनीष गोनियाल ने कांग्रेस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस भी विपक्ष की भूमिका नहीं निभा रही है. कांग्रेस और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. प्रदेश को बारी-बारी से लूटने का काम किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता आने वाले 2022 में कांग्रेस और भाजपा दोनों को जवाब देगी. उन्होंने कहा कि इस प्रदेश की जनता उन्हीं लोगों को अपना समर्थन देगी, जो धरातल पर रहकर उनकी समस्याओं के साथ आपदा की घड़ी में उनके साथ खड़ी है.