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SSB गुरिल्लों के आंदोलन को 11 साल पूरे, अब होगी बड़ी लड़ाई

स्थायी नियुक्ति और पेंशन की मांग को लेकर आंदोलित एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्लों के आंदोलन को आज 11 साल पूरे हो गए हैं लेकिन, सरकार ने अबतक उनकी इन मांगों को पूरा नहीं किया है. इसी को लेकर अब वह दिल्ली और देहरादून में बड़ा आंदोलन करने योजना बना रहे हैं.

SSB guerrillas movement completes 11 years
गुरिल्लों के आंदोलनको 11 साल पूरे

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Published : Oct 26, 2020, 3:33 PM IST

अल्मोड़ा: स्थायी नियुक्ति और पेंशन की मांग को लेकर सालों से अल्मोड़ा जिला कलेक्ट्रेट में आंदोलित एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्लों के आंदोलन को 11 साल पूरे हो गए हैं. इसी को लेकर गुरिल्लों ने सोमवार को अल्मोड़ा के चौघानपाटा में राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर धरना दिया. सरकार की उपेक्षा से नाराज गुरिल्लों ने चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी एक नवंबर से वह गांव-गांव जाकर अन्य गुरिल्लों को जागरूक करने का काम करेंगे और इसके बाद सभी गुरिल्ले दिल्ली और देहरादून में बड़ा आंदोलन करेंगे.

एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्ला संगठन के जिलाध्यक्ष शिवराज बनौला ने बताया कि 1962 में चीन युद्ध के बाद एसएसबी द्वारा स्वयं सेवकों को प्रशिक्षण दिया गया था. आपातकाल के समय गुरिल्लाओं को एसएसबी ने कई महीनों का प्रशिक्षण भी दिया था. उत्तराखंड में आज भी 21 हजार से अधिक एसएसबी गुरिल्ला हैं, जिन्हें एसएसबी ने कई महीनों का प्रशिक्षण दिया है. ये गुरिल्ले आपातकाल के समय सेना को गुप्त सूचनाएं पहुंचाने का काम करते हैं.

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दरअसल, 2002 के बाद गुरिल्लों का प्रशिक्षण बंद हो गया था. इसके बाद गुरिल्लों का सत्यापान केंद्र और राज्य सरकार कर चुकी है लेकिन, उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि अल्मोड़ा में गुरिल्लों के आंदोलन को 11 वर्ष हो चुके हैं. एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्ले लंबे समय से स्थायी नियुक्ति और पेंशन की मांग कर रहे हैं लेकिन, सरकार उनकी इन मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है. इसी के चलते आगामी एक नवंबर से गांव-गांव जाकर गुरिल्लों को जागृत किया जाएगा. जिसके बाद अपनी मांगों को लेकर गुरिल्ले दिल्ली और देहरादून में बड़ा आंदोलन करेंगे.

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