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CAA विरोध: राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने बताया देश बांटने वाला कानून

अल्मोड़ा में राजनीतिक पार्टियों और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सीएए कानून के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. साथ ही इस कानून को जल्द हटाने की मांग की है.

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सीएए कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

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Published : Jan 26, 2020, 12:45 PM IST

Updated : Jan 27, 2020, 7:57 AM IST

अल्मोड़ा: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए सीएए कानून का विरोध अल्मोड़ा में भी शुरू हो गया है, जहां उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, जनवादी नौजवान सभा सहित सभी राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने सीएए को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. इस मौके पर सभी ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ भी किया और सौहार्द का संकल्प भी लिया.

सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन

वहीं, राजनीतिक पार्टियों और संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार सीएए कानून लागू कर के जनता का ध्यान भटका रही है. साथ ही इस कानून को लाकर अपनी नाकामी छिपा रही है. उधर उपपा, जनवादी नौजवान सभा सहित सभी राजनीतिक पार्टियों और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार से सीएए कानून हटाने की मांग की है. जिसको लेकर गांधी पार्क में विरोध- प्रदर्शन किया जा रहा है.

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जनवादी नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष यूसुफ तिवारी का कहना है कि आज देश की अर्थव्यस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है और बेरोजगारी चरम पर है. ऐसे में केंद्र सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए सीएए कानून के जरिए जनता का ध्यान भटका रही है. उन्होंने कहा कि सीएए अधिनियम संविधान की मूल भावना के साथ खिलवाड़ है. यूसुफ तिवारी ने कहा कि भाजपा के इस कृत्य की वे घोर निंदा करते हैं.

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उन्होंने कहा कि सीएए से देश को कोई लाभ नहीं है, बल्कि देश के दो फाड़ हो जाएंगे. यूसुफ तिवारी ने कहा कि इस कानून से पूरे देश में अराजकता का माहौल पैदा हो रहा है लोग जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, देश की जनता में इस कानून को लेकर आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है.

Last Updated : Jan 27, 2020, 7:57 AM IST

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