अल्मोड़ा:विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने उनकी विधायक निधि से जिला प्रशासन की ओर से खरीदे गए 643 पल्स ऑक्सीमीटर को सस्ते चाइनीज और गलत रीडिंग देने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि जांच में साबित हो चुका है कि विधायक निधि से खरीदे गए ऑक्सीमीटर ब्रांडेड कंपनी के बजाय चाइनीज कंपनी के हैं. उन्होंने डीएम और सीडीओ को पत्र लिखकर तत्काल चाइनीज ऑक्सीमीटर का भुगतान रोकने के आदेश दिए हैं. साथ ही बचे हुए ऑक्सीमीटर सीडीओ कार्यालय को वापस लौटाए हैं.
विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ चौहान का आरोप डीएम नितिन सिंह भदौरिया को लिखे पत्र में विधायक ने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए उन्होंने ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन प्लांट और अन्य स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद के लिए 1 करोड़ की धनराशि जारी की थी. इसमें मुख्य विकास अधिकारी की ओर से 643 पल्स ऑक्सीमीटर खरीदे गए हैं. 25 मई को वह ऑक्सीमीटर को बांटने के लिए हवालबाग ब्लॉक के गांवों में गए. लेकिन लोग इनकी सही रीडिंग नहीं आने की शिकायत करने लगे और ये ब्रांडेड कंपनी के बजाय किसी चाइनीज कंपनी के हैं. लोगों के द्वारा शिकायत किये जाने पर वह सारे ऑक्सीमीटर उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को वापस दे दिए.
डीएम और सीडीओ को पत्र लिखा. विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिले इसके लिए उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य उपकरण सहित अन्य कार्य के लिए विधायक निधि से रकम जारी की. लेकिन जो ऑक्सीमीटर प्रशासन की ओर से खरीदे गए वह खराब हैं. इससे लोगों के समक्ष भ्रम की स्थिति है. उन्होंने कहा कि इससे उनकी छवि खराब होने के साथ ही सरकार व प्रशासन की छवि भी खराब हो रही है. उन्होंने कहा कि जो ऑक्सीमीटर खरीदे गए हैं, उनका भुगतान विधायक निधि से नहीं किया जाए. उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान जन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कोरोना काल में नैतिक जिम्मेदारी होती है कि सरकारी धन का सदुपयोग किया जाए. उन्होंने जिला प्रशासन से स्वास्थ्य की सभी सामग्रियां ब्रांडेड कंपनी की ही मंगवाने की वकालत की है. उन्होंने बचे हुए ऑक्सीमीटर मुख्य विकास अधिकारी को वापस कर दिए हैं.
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मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पांडे ने कहा कि विधानसभा उपाध्यक्ष की ऑक्सीमीटर में शिकायत के बाद ऑक्सीमीटर वापस लौटाए गए हैं. देहरादून की जिस कंपनी से उपकरण खरीदे गए हैं, उसे बुलाया गया है. सभी उपकरणों की जांच की जाएगी. अगर इनमें खराबी आती है तो संबंधित कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा.