उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

160 सालों से चली आ रही बैठकी होली की परंपरा, 3 महीने पहले ही शुरू हो जाते हैं कार्यक्रम

अल्मोड़ा में इन दिनों बैठकी होली की धूम मची हुई है. सांस्कृतिक नगरी में इस होली का खास महत्व हैं.

almora
160 साल से मनाते आ रहे लोग ये विशेष होली

By

Published : Feb 18, 2020, 3:20 PM IST

Updated : Feb 19, 2020, 10:56 AM IST

अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी के नाम से प्रसिद्ध अल्मोड़ा में इन दिनों बैठकी होली की धूम मची हुई है. यहां के होली गायन की विशेषता ये है कि ये शास्त्रीय रागों पर आधारित होली होती है. पौष के प्रथम रविवार से शुरू बैठकी होली अब अपने दूसरे चरण को पूरा कर रही है. प्रथम चरण में ये होली पौष के प्रथम रविवार से बसंत पंचमी तक भक्ति संगीत आधारित मनाई जाती है. बसंत पंचमी के बाद इस होली गायन का स्वरूप श्रृंगारिक हो जाता है और शिवरात्रि से यह रंगों से सराबोर और हंसी मजाक युक्त हो जाती है.

बसंत से होते हुए शिवरात्री और फिर फागुन एकादशी तक होली अपने अवरोह में होती है. इस बीच होली की मस्ती में एक और रूप आ जुड़ता है. जहां शाम को घरों में पुरुषों की बैठकी होली होती है. वहीं, दिन में हर घर में महिला होली की महफिलें सजने लगती हैं, जब पुरुष नहीं होते, तो महिलाएं स्वांग रचाती हैं.

160 साल से मनाते आ रहे लोग ये विशेष होली

ये भी पढ़ें:मित्र पुलिस ने निभाई मित्रता, ज्वेलरी से भरा बैग महिला को किया सुपुर्द

बता दें कि कुमाऊं में होली गायन की परंपरा ऐतिहासिक सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा से शुरू हुई है. यहां शास्त्रीय, होली गीत-गायन का इतिहास डेढ़ सौ साल से भी अधिक पुराना है. जानकारों के अनुसार, कुमाऊं में होली गीतों के गायन का सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा से हुआ. जानकारों के अनुसार, रामपुर के उस्ताद अमानत ने ब्रिटिश शासन काल के दौरान साल 1860 में इस होली को एक नया स्वरूप दिया था. बैठकी होली गायन मुख्य रूप से शास्त्रीय संगीत पर आधारित होती है. इसकी विशेषता ये है कि पहाड़ में बैठकी होली गायन की शुरुआत होली से करीब तीन महीने पहले पौष मास के पहले रविवार से शुरू हो जाती है, जो होली छलड़ी तक चलती है.

अल्मोड़ा के रंगकर्मी नवीन बिष्ट बताते है कि इस होली का इतिहास 160 साल से भी ज्यादा पुराना है. होली शास्त्रीय रागों पर आधारित जरूर है, लेकिन इसे कोई भी आसानी से गा सकता है.

Last Updated : Feb 19, 2020, 10:56 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details