अल्मोड़ा:गुजरात से लौटे प्रवासी की राजस्व अभिरक्षा में संदिग्ध मौत के बाद जिला प्रशासन ने पटवारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. जिला अधिकारी ने पटवारी राजेश आर्य को सस्पेंड करने के साथ मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी कर दिये हैं. वहीं पोस्टमार्टम में बिसरा रिपोर्ट रुद्रपुर लैब भेजी गई है. मामले में अन्य संदिग्धों की भी जांच की जा रही है.
संदिग्ध परिस्थितियों में प्रवासी की मौत बता दें भैंसियाछाना विकासखंड के लिंगुणता क्षेत्र के कुनखेत गांव में पिछले दिनों गुजरात से लौटे प्रवासी सोबन सिंह की राजस्व पुलिस की कस्टडी में मौत हुई थी. सोबन सिंह के शरीर पर गंभीर घावों के निशान भी थे. संदिग्ध परिस्थितियों में हुई सोबन की मौत के बाद ग्रामीणों का लगतार आक्रोश बढ़ता जा रहा था.
क्या था मामला
जिला मुख्यालय से तकरीबन 55 किलोमीटर दूर भैंसियाछाना विकासखंड के कुनखेत गांव में पारिवारिक नोक-झोंक के बाद मृतक सोबन सिंह की पत्नी ने इसकी शिकायत ग्राम प्रहरी से की थी. जिसके बाद 30 मई को बाड़ेछीना पटवारी गिरीश जोशी (दूसरे क्षेत्र का पटवारी) और ग्राम प्रहरी सहित 4 लोग सोबन सिंह के घर आये.
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परिवारवालों ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रहरी और पटवारी बल पूर्वक हथकड़ी लगाकर सोबन सिंह को घर से पटवारी चौकी ले गए. पीड़ित परिवार का कहना है कि रात करीब 1 बजे पटवारी चौकी से पटवारी राजेश आर्या का फोन सोबन के परिजनों को आया. जिसमें उन्होंने बताया कि सोबन का स्वास्थ्य खराब हो गया है. जिसके बाद सोबन के परिजन रात के 3 बजे अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें सोबन मृत मिला.
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मृतक के परिवार का कहना है कि जब उसे उठाकर ले गये थे तब वह सही सलामत था. परिजनों का आरोप है कि शव के पोस्टमार्टम से पहले भी उनको कोई सूचना नहीं दी गयी. जबकि इस बीच पटवारी और उनके साथी लगातार परिवार को धमकाने और पैसों का लालच देकर मामले को रफा-दफा करने का दबाव बनाते रहे. वहीं मृतक के भाई का आरोप है कि सोबन की मौत के बाद उनको एक स्थानीय नेता द्वारा मामले को रफा-दफा करने के लिए पांच लाख रुपये का भी लालच दिया गया.
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राजस्व अभिरक्षा में प्रवासी की मौत और शव पर गंभीर चोट के निशान मिलने पर ग्रामीणों में भी पटवारी के खिलाफ आक्रोश बना हुआ था. ग्रामीणों का कहना है कि मृतक के शरीर के निचले हिस्से पर गंभीर चोट के निशान हैं. जिससे साबित होता है कि उसे निर्दयता के साथ पीटा गया है.जिससे उसकी मौत हुई है. पूरे मामले को सामने लाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले ग्रामीण कृष्णा सिंह रावल ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. जबकि ग्रामीण पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और दोषियों को सजा देने की मांग उठा रहें हैं.