अल्मोड़ा: बाल अधिकारों पर कार्य करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था टेरेस-दस-होम (टीडीएच) की जर्मनी में हुई अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा में अल्मोड़ा की नीलिमा भट्ट को पाचं वर्षो के लिए स्टेंडिंग कमेटी का सदस्य चुना गया है. इस दौरान वह एशिया का प्रतिनिधित्व करेंगी. वह जर्मनी में हुई अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा में प्रतिभाग कर वापस लौट आई हैं. तीन दिवसीय इस सभा में विभिन्न देशों के 42 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था.
बच्चों के लिए विभिन्न अभियानों में सक्रिय रूप से कार्य करने वाली नीलिमा इससे पहले बाल कल्याण समति की सदस्य भी रह चुकी हैं. वह वर्तमान में किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य हैं. उन्होंने बच्चों और किशोरियों के कल्याण और सुरक्षा के लिए विभिन्न स्तर पर कई प्रयास किए हैं. जर्मनी से वापस लौट कर नीलिमा ने बताया कि आगामी पांच वर्षों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए हैं. जिसमें शिक्षा और सशक्तिकरण, प्रवासी बच्चों के लिए अधिकारों तक पहुंच, युवा पर्यावरण कार्यकर्ताओं के लिए समर्थन तथा जेंडर जस्टिस के लिए प्रतिबद्धता शामिल है. उन्होंने कहा आगामी पांच वर्षाे में इन लक्ष्यों पर वैश्विक स्तर पर कार्य किया जाएगा. बाल अधिकारों को सुनिश्चित करने के प्रयास तेज होंगे.
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भारत के अपेक्षाकृत यूरोपीय देशों में बच्चों के अधिकार और विकास के लिए अधिक सजगता है. इसके लिए हमें भी और अधिक संवेदना और सजगता से कार्य करना होगा. नीलिमा भट्ट ने बताया बाल अधिकारों पर कार्य करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था टेरेस-दस-होम (टीडीएच) की ओर से 23 सें 25 जून तक जर्मनी में अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा हुई. जिसमें बाल अधिकारों के मुद्दों पर बात रखी गई. आगामी 5 वर्षों 2023 से 2028 तक के लिए स्टेंडिग कमेटी (स्टेंड कॉम) के सदस्य के रूप में चुना गया है. बता दें यह कमेटी दुनिया के विभिन्न भागों में बाल अधिकारों के लिए नए लक्ष्य निर्देशन और निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने का कार्य करती है. प्रतिनिधि सभा के लिए दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका तथा यूरोप आदि देशों से 42 प्रतिनिधि चुने जाते हैं. इस प्रतिनिधि सभा में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बच्चों के लिए प्रस्तावित कार्यक्रमों और अभियानों पर निर्णय होते हैं. इस प्रतिनिधि मंडल में भारत से प्रतिभाग करने वाली अमन संस्था पहली संस्था है. इससे पूर्व वर्ष 2013 में स्टेंडिंग कमेटी के सदस्य के रुप में अमन के मुख्य कार्यकारी रघु तिवारी भी रह चुके हैं.