उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

कड़ाके की ठंड में धधक रहे अल्मोड़ा के जंगल, सांसद टम्टा बोले- कौन है जिम्मेदार? - अल्मोड़ा के जंगलों में लगी आग

नवंबर की समाप्ति के बीच भी क्षेत्र के जंगलों में आग की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. सर्दियों में पहली बार जंगल धधक रहे हैं.

Almora forest fire news
अल्मोड़ा के जंगलों में लगी आग.

By

Published : Nov 28, 2020, 10:42 PM IST

अल्मोड़ा: दिसम्बर का माह आने वाला है, पहाड़ों में कड़कड़ाती ठंड आम जनजीवन पर असर डाल रही है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इस ठंड में भी जंगल धू धू कर जल रहे हैं. वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी यह आग सवाल उठा रही है, हालांकि वन विभाग का दावा है कि वह जंगलों के सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से तत्पर हैं.

अल्मोड़ा के शीतलाखेत वन क्षेत्र में इन दिनों ज्यूड़-कफून और रौंनडाल के बीच जंगलों में आग लगी हुई है. राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने जंगलों में लगी इस आग की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है. फोटो शेयर करते हुए उन्होंने वन विभाग और उत्तराखंड सरकार को आड़े हाथों लिया.

पढ़ें-CM ने जिलाधिकारियों संग कोविड-19 को लेकर की समीक्षा बैठक, मृत्यु दर कम करने पर फोकस

टम्टा ने फेसबुक लिखा कि उन्होंने हल्द्वानी से अल्मोड़ा आते समय देखा की चौंसली के पास ज्यूड़-कफून और रौंनडाल के बीच जंगल आग से दहक रहे हैं. गर्मियों में तो जंगलों में आग लगते देखा, लेकिन इस बार तो जाड़ों में चौतरफा उत्तराखंड के जंगल जल रहे. प्रशासन व सरकार बेखबर मौन है. मैं अल्मोड़ा के पूर्व विधायक मनोज तिवारी व बागेश्वर के पूर्व ललित फर्स्वाण के साथ अल्मोड़ा आ रहा था तो इन धधकते जंगलों को देखकर स्तब्ध रह गया. प्रदेश के मुख्यमंत्री जबाव देंगे की इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

हालांकि, इस मामले में अल्मोड़ा वन प्रभाग के डीएफओ महातिम यादव का कहना है कि वन विभाग पूरी तत्परता के साथ जंगल की आग को बुझाने के कार्य में जुटा है. आग को बुझाने के लिए वन विभाग को ग्रामीण क्षेत्रो में स्थानीय महिलाओं का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है. पहली बार ठंड के सीजन में जंगल धधक रहे हैं. इसके पीछे कारण यह है कि इलाके में लंबे समय से बारिश नहीं हुई है. जंगलों का पिरूल जो सबसे बड़ा आग का कारण है वह सूखा हुआ है. इसलिए यह आग सार्दियों में भी लग रही है. उन्होंने आम लोगों से अपील भी की है कि अगर आप कूड़ा जला रहे तो उसको अपनी देख रेख में जलाएं, उसको जलाते समय पूर्ण सावधानी बरते. क्योंकि यह जंगलों के आग का कारण भी बन रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details