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मीटिंग में फोन उठाने वाले प्रिंसिपल के तबादले पर अड़ीं रेखा, नेताओं ने जिद को बताया बचकानी हरकत

अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को राज्यमंत्री रेखा आर्या की बैठक में फोन रिसीव करना भारी पड़ गया है. रेखा आर्या ने प्रिंसिपल को पद से हटाए जाने के लिए स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखा है, जिसके बाद विपक्ष ने रेखा आर्या को घेरना शुरू कर दिया है.

Minister Rekha Arya
Minister Rekha Arya

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Published : Jul 1, 2021, 3:02 PM IST

Updated : Jul 1, 2021, 3:50 PM IST

अल्मोड़ा:राज्यमंत्री रेखा आर्या और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के बीच का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. रेखा आर्या द्वारा स्वास्थ्य सचिव को मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को हटाये जाने को पत्र लिखने के बाद अब जहां रेखा आर्या विपक्षी पार्टियों के निशाने पर भी आ गयी हैं. वहीं, खुद सत्ता पक्ष के विधायक उनकी इन हरकतों को बचकाना बता रहे हैं.

प्रिंसिपल को आया था विधानसभा उपाध्यक्ष का फोन

बता दें, यह पूरा विवाद बीते 11 जून से शुरू हुआ. हुआ यह कि अल्मोड़ा जिले की कोविड प्रभारी मंत्री रेखा आर्या ने 11 जून 2021 को अल्मोड़ा के विकास भवन में अधिकारियों के साथ कोविड-19 की समीक्षा बैठक की. बैठक चल ही रही थी कि अचानक बैठक में मौजूद अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरजी नौटियाल के पास विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान का फोन आ गया, जिसको प्रिंसिपल नौटियाल ने रिसीव कर लिया.

फोन कॉल मामले पर घिरीं मंत्री रेखा आर्य.

प्रिंसिपल के फोन उठाने से गुस्साईं रेखा आर्या

प्रिंसिपल द्वारा बैठक के बीच में ही फोन उठाना रेखा आर्या को नागवार गुजरा. फिर क्या था प्रिंसिपल की इस हरकत से तमतमाई मंत्री ने भरी सभा में अल्मोड़ा डीएम को यह कहकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर दी कि आप जरा प्रिंसिपल साहब को प्रोटोकॉल का पालन करना सिखाइये. इन्होंने बैठक के दौरान फोन उठाकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है.

रेखा आर्या ने स्वास्थ्य सचिव को लिखा पत्र.

प्रिंसिपल को फोन उठाने पर अफसोस नहीं

यह पूरा विवाद अगले दिन मीडिया के माध्यम से सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरजी नौटियाल ने बताया कि विधानसभा उपाध्यक्ष का फोन उठाकर उन्होंने शिष्टाचार का परिचय दिया. अगर विधानसभा के उपाध्यक्ष और स्थानीय विधायक का फोन उठाने से प्रोटोकॉल का उल्लंघन होता है, तो अधिकारियों की बैठक में बीजेपी के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी से प्रोटोकॉल का उल्लंघन क्यों नहीं होता है ?

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यहीं से यह विवाद बढ़ता गया, जिसके बाद पिछले दिनों रेखा आर्या ने स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग कर डाली. पत्र में रेखा आर्या ने लिखा है कि कोविड की समीक्षा बैठक के दौरान मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा उनका प्रस्तुतीकरण 3 मिनट तक रोककर फोन में बात की गई. प्रिंसिपल पर आरोप लगाया है कि बैठक में शिष्टाचार बरतने के निर्देश पर उन्होंने अपनी हठधर्मिता और अनर्गल बयानबाजी से मंत्री को हतोत्साहित करने का काम किया.

विपक्ष के निशाने पर रेखा

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी का कहना है कि यह बड़ा दुर्भाग्य है कि अपने क्षेत्र में माफिया को संरक्षण देने वाली मंत्री आज ईमानदार लोगों को प्रोटोकॉल का पाठ पढ़ा रही हैं, जबकि प्रोटोकॉल का पालन मंत्री व सरकार को करने की जरूरत है. तिवारी ने कहा कि जो मेडिकल कॉलेज को बनाने के कार्य में जुटे हैं, मंत्री उन्हीं को हटाने की कोशिश में जुटी हैं.

पीसी तिवारी बोले अफसरों की मीटिंग में न रहें बीजेपी कार्यकर्ता

वहीं, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने अधिकारियों की मीटिंग में बीजेपी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति पर भी सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि बैठक में या तो सभी पार्टियों के कार्यकर्ता हों या फिर किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद नहीं होने चाहिए. यह अपने कार्यकर्ताओं को बैठकों में ले जाकर ठेके दिखवाने की चाल है. इस कदाचार में मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.

मामले को बतंगड़ बनाना बचकानी हरकत- विधानसभा उपाध्यक्ष

इस मामले में विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान का कहना है कि एक छोटे से मामले का बतंगड़ बनाना बचकानी हरकत है. उनका कहना है कि उनके द्वारा बतौर विधानसभा उपाध्यक्ष सदन से यह निर्देश दिए गए हैं कि आम जनता हो या फिर जन प्रतिनिधि अधिकारियों को उनका फोन उठाना चाहिए.

सिर्फ 3 से 4 सेकेंड हुई बात- विधानसभा उपाध्यक्ष

उन्होंने बताया कि उस दिन भी उनके विधानसभा क्षेत्र में किसी की तबीयत खराब होने से उसको अस्पताल में भर्ती करना था, जिस कारण उन्होंने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को फोन किया था. जिस पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने फोन उठाकर यह कहा कि वह मंत्री जी की बैठक मे हैं, बाद में बात करेंगे. यह वार्तालाप मुश्किल से 3 से 4 सेकेंड तक चला. अगर इतनी सी बात का बतंगड़ बनाया जा रहा है, तो यह सरासर बचकानी हरकत है. अगर यही फोन उनकी तरफ से किया जाता और कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं उठता तो, यह सोचनीय है.

Last Updated : Jul 1, 2021, 3:50 PM IST

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