सोमेश्वर: प्रदेश में कोरोनाकाल में महानगरों से नौकरी छोड़ अपने गांव लौटे प्रवासी युवा अब कृषि और उद्यानीकरण से स्वरोजगार की राह अपना रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान नौकरी छूटने पर डौनी गांव के एक ऐसे ही युवा जगत सिंह ने अपने बंजर पड़े खेतों में मूली उगाकर बेरोजगारों को स्वरोजगार का संदेश दिया है. बेरोजगारी की मार झेल रहे इस युवा ने अब तक कई कुंतल मूली बेच दी है. अब भी उनके बगीचे में सैकड़ों कुंतल मूली पड़ी हुई है.
मुंबई में प्राइवेट नौकरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले जगत सिंह ने गांव में ही मूली उगाकर स्वरोजगार विकसित करने की ठान ली है. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के चलते उन्हें मुंबई से अपना काम छोड़कर घर वापस आना पड़ा. लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने बंजर पड़े खेतों में मूली उगाकर स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ाए. उन्होंने अबतक कई कुंतल मूली बेच दी है. वह 10 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से अपने बगीचे में मूली की बिक्री कर रहे हैं. अबतक उन्होंने मूली बेचकर 50,000 से अधिक रुपए कमा लिए हैं.