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किस काम का प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र, यहां न तो शुगर की है दवा और ना ही बीपी की

लोगों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि डॉक्टर जानबूझकर ऐसी दवाइयां लिखते हैं, जो सरकारी मेडिलक स्टोर्स में नहीं मिलती है.

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Published : Apr 22, 2019, 5:33 PM IST

शोपीस बना प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्

अल्मोड़ा: सरकार गरीबों को प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों से सस्ती दरों पर दवा उपलब्ध कराने के लाख दावा करे, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है. इन औषधि केंद्रों की हालत इतनी बदतर है कि यहां दवाइयां न होने की वजह से मरीज बाहर से महंगी दवा खरीदने को मजबूर हैं. आलम ये है कि यहां मरीजों को लंबे समय से न तो शुगर की दवा मिल पा रही है और न ही बीपी की. इससे लोगों में खासी नाराजगी है.

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प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों में दवाइयां नहीं मिलने पर लोगों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर जानबूझकर ऐसी दवाइयां लिखते हैं, जो इन सरकारी मेडिलक स्टोर्स में नहीं मिलती हैं.

वहीं, जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन एवं प्रभारी सीएमएस आरसी पंत का कहना है कि इसके लिए सभी डॉक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वह सभी जेनरिक दवाइयां लिखें जो इन औषधि केंद्रों में मिल जाएं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि कुछ दवाइयां जो जरूरी होती हैं, सिर्फ उन दवाइयों को ही बाहर से लेने के लिए कहा जाता है.

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