अल्मोड़ा:सावन के आखरी सोमवार को मंदिरों में दर्शन करने के लिए सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं. श्रद्धालु सुबह से ही मंदिरों में पहुंचने लगे और भगवान शिव के दर्शन कर उनका जलाभिषेक किया. वहीं लोगों की संख्या अधिक होने के चलते प्रशासन ने जो व्यवस्था की थी वो नाकाफी साबित हुई. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
सावन के आखरी सोमवार को जागेश्वर धाम में उमड़ा जनसैलाब, प्रशासन रहा फेल - जागेश्वर की खबर
सावन के आखरी सोमवार को जागेश्वर धाम में सुबह से ही शिव भक्तों का तांता लगा रहा. इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते प्रशासन ने जो सुरक्षा के इंतजाम किए थे, वो नाकाफी साबित हुए.
![सावन के आखरी सोमवार को जागेश्वर धाम में उमड़ा जनसैलाब, प्रशासन रहा फेल](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-4116383-thumbnail-3x2-jageshwar.jpg)
बता दें कि विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता अल्मोड़ा से जागेश्वर धाम की ओर रवाना हुए. जहां उन्होंने 12 ज्योतिर्लोंगो में से विख्यात जागेश्वर धाम में विशेष पूजा अर्चना की और भगवान शिव से मन्नतें भी मांगी. सावन का आखरी सोमवार होने के चलते जागेश्वर धाम में भगवान शिव के दर्शन और पूजा-पाठ के लिए सुबह से ही भक्त अधिक संख्या में उमड़े. वहीं दूर दराज से आये हज़ारों श्रद्धालुओं ने यहां पहुचकर पार्थिव का पूजन किया. महामृत्युंजय जाप, कालसर्प दोष और जलभिषेक कर भगवान शिव का आशीर्वाद लिया.
वहीं जागेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते लंबा जाम लग गया. इस दौरान लोगों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा. उधर प्रशासन की ओर से जो व्यवस्था की गई थी वो भी लोगों की भीड़ में चरमराती दिखी.
पिछले कुछ सालों से जागेश्वर धाम का जबरदस्त प्रचार-प्रसार हुआ है. जिसके चलते लोगों में इस धाम के प्रति हमेशा से श्रद्धा रही है. वहीं मान्यता है कि सावन के महीने में जागेश्वर धाम में पूजा-अर्चना कराने का अपना विशेष महत्व है. इसी आस्था के साथ श्रद्धालु देश-विदेश से यहां खींचे चले आते हैं.