उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

अल्मोड़ा में तीन सालों में गुलदार ने 50 लोगों पर किया हमला, 6 लोगों को गंवानी पड़ी जान - Leopard attacks are increasing

अल्मोड़ा में गुलदार के हमलों में पिछले तीन सालों में 50 मामले (almora leopard attack incidents) सामने आ चुके हैं. जिसमें 6 लोगों की मौत और लगभग 4 दर्जन लोग घायल हो चुके हैं.वन प्रभाग के डीएफओ (Almora Forest Division DFO) महातिम यादव का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों पलायन के कारण खेती कम होने से गुलदारों का मानव बस्ती में विचरण बढ़ गया है. जिस कारण उनके हमलों के मामले भी बढ़ रहे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Dec 2, 2022, 1:07 PM IST

अल्मोड़ा:उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार मानव और वन्यजीव संघर्ष के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है. खासकर अल्मोड़ा में गुलदार के हमलों में पिछले तीन सालों में 50 मामले (almora leopard attack incidents) सामने आ चुके हैं. जिसमें 6 लोगों की मौत और लगभग 4 दर्जन लोग घायल हो चुके हैं. गुलदार की आबादी वाले क्षेत्रों में धमक ज्यादा दिखाई दी है. इससे यह अंदेशा है कि पहाड़ी क्षेत्रों में गुलदारों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. वहीं गुलदार की धमक से ग्रामीण इलाकों के लोग खौफजदा (Almora Leopard Terror) हैं.

अल्मोड़ा में विगत 24 नवम्बर को ग्राम पंचायत नैलपड़ के क्वेराली गांव में गुलदार ने एक 10 वर्षीय बच्चे को घर के आंगन से उठाकर अपना निवाला बना दिया था. इससे 4 दिन बाद विगत 28 नवम्बर को गुलदार ने द्वाराहाट क्षेत्र में दिनदहाड़े तीन लोगों पर जानलेवा हमला कर उन्हें घायल कर दिया. इस घटना को 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि विगत 29 नवम्बर को रानीखेत में गुलदार ने एक बुजुर्ग को अपना निवाला बनाया.लगातार घट रही इन घटनाओं से लोग खौफजदा हैं.

अल्मोड़ा में लगातार बढ़ रहे गुलदार के हमले
पढ़ें- गुलदार ने हमला कर तीन लोगों को किया घायल, देखें खौफनाक वीडियो

वन विभाग (Almora Forest Department) से मिली जानकारी के अनुसार विगत 3 सालों में गुलदार के हमले के अब तक 50 मामले सामने आए हैं, जिनमें 6 लोगों की मौत और 44 लोग घायल हो गए हैं. अल्मोड़ा वन प्रभाग के डीएफओ (Almora Forest Division DFO) महातिम यादव का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों पलायन के कारण खेती कम होने से गुलदारों का मानव बस्ती में विचरण बढ़ गया है. जिस कारण उनके हमलों के मामले भी बढ़ रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि इसका एक कारण गुलदारों की संख्या में इजाफा हो सकता है, बशर्ते गणना करने की जरूरत है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details