अल्मोड़ा: बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री बची सिंह रावत दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. आज उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है. उनके निधन से प्रदेश के साथ उनके गृह जनपद अल्मोड़ा में भी शोक की लहर है. 'बचदा' के निधन के बाद उनके राजनीतिक जीवन व उनको लेकर तमाम बातें सामने आ रही हैं. उन्ही में से एक रोचक किस्सा उनके नाम से जुड़ा हुआ है. दरअसल, उनका असली नाम आनंद सिंह रावत था, जो कि बाद में बदलकर बची सिंह रावत हो गया, इसके पीछे क्या कहानी है आइये आपको बताते हैं.
बची सिंह रावत के करीबी लोग बताते हैं कि उनका नाम बची सिंह रावत बाद में रखा गया था. उनका असली नाम आनंद सिंह रावत था. वर्तमान में बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष और बची सिंह रावत के करीबी रहे अजय वर्मा बताते हैं कि जब वह पैदा हुए तो बहुत बीमार हो गए थे. उनके बचने की उम्मीद काफी कम थी. किसी ज्योतिषी के कहने पर उनके पिता ने उनका नाम बची सिंह रावत रखा. बची सिंह रावत नाम रखने बाद एकाएक चमत्कार हुआ. उनकी खराब तबीयत ठीक हो गयी. तब से ही वह परिवार में बची सिंह रावत के नाम से ही जाने जाने लगे.
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बची सिंह का जन्म 1 अगस्त 1949 को रानीखेत के पास के पली गांव अल्मोड़ा में हुआ था. इनकी स्कूली शिक्षा अल्मोड़ा में ही हुई. इनका मूल गृहस्थान हल्द्वानी था. अपनी परास्नातक की पढ़ाई उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से की, जहां से उन्होंने विधि की उपाधि हासिल की. जिसेक बाद एमए अर्थशास्त्र आगरा विश्वविद्यालय से पूरा किया.