अल्मोड़ा: कामिनी कश्यप 35 सालों से बेजुबानों की सेवा में जुटी हैं. वहीं लॉकडाउन में भूख से बिलख रहे आवारा कुत्तों समेत अन्य जानवरों की सेवा में वे तत्परता के साथ जुटी हुई हैं. वह सुबह शाम बेजुबानों को खाना दे रही हैं.
अल्मोड़ा की रहने वाली पेशे से वकील कामिनी कश्यप बीते 35 सालों से पशुओं की सेवा में जुटी हैं. शहर में कहीं आवारा मवेशी या कुत्ते घायल हो जाएं तो लोग सबसे पहले उन्हें इसकी सूचना देते हैं. कामिनी कश्यप तुरंत मौके पर पहुंचकर घायल जानवरों को अपने घर लाकर उनका इलाज करती हैं. यही नहीं उन्होंने आवारा जानवरों के रहने के लिए अपने घर मे शेल्टर होम भी बनाया है. जहां 50 से अधिक कुत्तों और अन्य जानवरों को शरण दे रखा है. कोरोना कर्फ्यू में वह बाजार में आवारा कुत्तों समेत अन्य जानवरों को खाना खिला रही हैं.