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अल्मोड़ा जेल बनीं नशा तस्करी का अड्डा, जेल आईजी ने हल्द्वानी जेलर को दिए जांच के आदेश

उत्तराखंड एसटीएफ ने हाल ही में अल्मोड़ा जेल (Almora Jail drug smuggling case) से चल रहे नशा तस्करी के अड्डे का भंडाफोड़ किया है. इस मामले के सामने आने के बाद जेल आईजी पुष्पक ज्योति ने हल्द्वानी जेलर को जांच के आदेश दिए हैं.

Almora Jail drug smuggling case
अल्मोड़ा जेल नशा तस्करी मामला

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Published : Nov 26, 2021, 7:18 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने अल्मोड़ा जेल से चल रहे नशा तस्करी के खेल का जो पर्दाफाश (Uttarakhand STF busted Jail drug case) किया था, उसके बाद जेल विभाग ने थोड़ी सख्ती दिखाई है. इस मामले (Almora Jail drug smuggling case) में जेल आईजी पुष्पक ज्योति ने हल्द्वानी जेलर को जांच के आदेश दिए हैं. हल्द्वानी जेलर को जांच रिपोर्ट 15 दिन में देने का आदेश दिया है. वहीं, इससे पहले 4 नवंबर को जेल आईजी पुष्पक ज्योति ने पौड़ी जेल को लेकर टिहरी जेलर को जो आदेश दिए थे, उसकी रिपोर्ट का अभीतक कुछ पता नहीं है.

दरअसल, बीती 23 नवंबर को उत्तराखंड एसटीएफ ने अल्मोड़ा जेल में छापेमारी की थी. इस दौरान एसटीएफ ने अल्मोड़ा जेल से बड़ी मात्रा में चरस पकड़ी थी. जेल में नशा तस्करी का ये पूरा नेटवर्क महिपाल और अंकित बिष्ट चला रहे थे. दोनों जेल से ही नशा तस्करी का नेटवर्क चला रहे थे. इसके बाद एसटीएफ ने जेल बाहर तीन जिलों में इनके पांच ठिकानों पर भी छापे मारे थे और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इस मामले के सामने आने के बाद जेल आईजी पुष्पक ज्योति हल्द्वानी जेलर को इस मामले की जांच की जिम्मा सौंपा है और 15 दिनों में रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

पढ़ें-उत्तराखंड की जेलों में एसटीएफ का छापा, नारकोटिक्स गैंग का भंडाफोड़, कई गिरफ्तार

पहले भी दागदार हुई अल्मोड़ा जेल:अल्मोड़ा जेल में बंद बदमाशों द्वारा अंदर से अपना नेटवर्क चलाने का ये कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी अल्मोड़ा जेल से इस तरह के मामला सामने आ चुका है. जिसका खुलासा भी उत्तराखंड एसटीएफ ने किया था.

उत्तराखंड एसटीएफ ने इसी साल 4 अक्टूबर को अल्मोड़ा जेल में छापेमारी की थी, तब एसटीएफ ने अल्मोड़ा जेल से चल रहे रंगदारी के मामले का खुलासा किया था. अल्मोड़ा जेल में बंद कुख्यात अब्दुल कलीम फोन पर हरिद्वार के एक व्यापारी को जाने से मारने की धमकी दी थी और उससे रंगदारी मांगी थी. हालांकि, उत्तराखंड एसटीएफ की सक्रियता के कारण अब्दुल कलीम अपने मसूबों में कामयाब नहीं हो पाया था और उत्तराखंड एसटीएफ ने पहले ही इस मामले का खुलासा कर दिया है.

उत्तराखंड एसटीएफ के इस खुलासा के बाद मामले की जांच कराई गई तो इसमें अल्मोड़ा जेल कर्मचारी और अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई. इसके बाद अल्मोड़ा जेल अधीक्षक सहित 6 कर्मियों को निलंबित किया गया था.

पढ़ें-कुख्यात वाल्मीकी केस: पौड़ी जेल प्रशासन के खिलाफ जांच के आदेश, IG जेल ने 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

पौड़ी जेल जांच का अता पता नहीं: इससे पहले बीती 4 नवंबर को उत्तराखंड एसटीएफ ने पौड़ी जेल से चल रहे कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकी गैंग का पर्दाफाश किया था. कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकी जेल से ही अपना गिरोह चला रहा था. कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकी ने अपने शूटरों को जेल से ही नवविवाहित जोड़े समेत तीन लोगों को मारने की सुपारी ली थी. हालांकि, उत्तराखंड एसटीएफ की सक्रियता के कारण नरेंद्र वाल्मीकी का शूटर इस वारदात को भी अंजाम नहीं दे पाया था और पुलिस ने उसे धर लिया था. इस में एसटीएफ ने वाल्मीकी गैंग के चार शूटरों और सुपारी देने वाले 6 लोगों को गिरफ्तार किया था.

वहीं, इस मामले के सामने आने बाद भी जेल आईजी पुष्पक ज्योति ने टिहरी जेलर को पौड़ी जेल की जांच सौंपी थी और उसकी रिपोर्ट 15 दिन में देने को कहा था, लेकिन उस रिपोर्ट का अभीतक कहीं कोई अता पता नहीं है. जेल आईजी के मुताबिक इस मामले में 15 दिन का समय दिया गया था, लेकिन अभी तक जांच किस स्तर तक पहुंची है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं मिली है. जल्द ही वे इस मामले में आगे की कार्रवाई करेंगे.

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