जागेश्वर धाम में हुआ चीर बंधन अल्मोड़ा:विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में चीर बंधन के साथ खड़ी होली शुरू हो गई है. मंदिर में क्षेत्र के लोगों ने चीर बांधी और ढोल नगाड़ों के साथ पूरे बाजार मार्ग में शोभायात्रा निकाली. जगह जगह घरों व दुकानों से निकलकर लोगों ने चीर की आरती उतारी और सुख समृद्धि की कामना की. जागेश्वर धाम में चीर बंधन की इस अनोखी परंपरा के प्रत्यक्षदर्शी दूर दराज से आए बाबा जागेश्वर के भक्त भी बने.
होली में चीर बंधन का विशेष महत्व है: एकादशी के दिन मुहूर्त देखकर चीर बंधन किया जाता है. बुधवार को एकादशी के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में मंत्रोच्चार एवं शंखनाद के साथ चीर बंधन किया गया. जिसके बाद ढोल नगाड़ों के साथ चीर को मंदिर परिसर की परिक्रमा कराई गई. वहीं भक्तों ने नाचते हुए पूरे बाजार मार्ग में चीर की शोभायात्रा निकाली. चीर को गांव के घर-घर तक ले जाया गया. जहां जगह-जगह उसकी आरती उतारी गई और सुख समृद्धि की कामना की गई.
इन गांवों तक गई शोभायात्रा: शोभायात्रा फुलई, कोटेश्वर, मनतोला गोट, जागेश्वर, बैहताण और नेकिना गांवों के घरों तक पहुंची. इस दौरान शाेभायात्रा में शामिल लोगों ने होली के रंग बिरंगे गीत गाए. गांव वालों ने अपने यहां शोभायात्रा पहुंचने पर उसका भव्य स्वागत किया. ग्रामीणों ने चीर की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की. भ्रमण के बाद शोभायात्रा मंदिर परिसर में वापस पहुंची और चीर को मंदिर में स्थित तुलसी वृंदावन में स्थापित कर दिया गया. यहां पर होलिका दहन तक प्रतिदिन क्षेत्र के लोग होली गायन करेंगे.
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चीर बंधन के साथ खड़ी होली शुरू: वहीं पूरे जिले में एकादशी के दिन जगह-जगह चीर बंधन किया गया. इस दौरान चीर बंधन करते हुए लोगों ने- कैले बांधी चीर हो रघुनंदन राजा व तुम सिद्धि करो महाराज होलिन के दिन में.. आदि पारंपरिक होली गीतों का गायन भी किया. सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में भी चीर बंधन कर होली गायन शुरू हो गया. जगह जगह ढोलक और मंजीरों की थाप से पूरा क्षेत्र होलीमय बना रहा. नगर के लाला बाजार, चौक बाजार, जौहरी बाजार, त्रिपुरा सुंदरी, धारानौला और कर्नाटक खोला सहित अनेक स्थानों और मोहल्लों में लोगों ने चीर बंधन किया. चीर बंधन के साथ ही खड़ी होली शुरू हो गई है.