अल्मोड़ाःअल्मोड़ा जिला अपनी ऐतिहासिक पहचान के लिए देश दुनिया में अपनी पहचान रखता है. चाहे कत्यूरी और चन्द शासकों के मंदिर हो या फिर ब्रिटिश काल की धरोहरें यहां पर सैकड़ों ऐसी पुरात्विक चीजें मौजूद हैं. जो अल्मोड़ा को एक ऐतिहासिक नगरी बनाती है. देखिए खास रिपोर्ट...
बता दें कि अल्मोड़ा में पांच हजार साल पुराने प्रमाण आज भी मौजूद हैं. आदिकाल में अल्मोड़ा की गुफाओं में आदि मानवों के रहने के प्रमाण हैं. अल्मोड़ा जागेश्वर मोटर मार्ग पर जनपद मुख्यालय से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बाड़ेछीना के पास लखुउडियार पुरातात्विक गाथा का जीता जागता दस्तावेज है.
5000 साल पुरानी प्रागैतिहासिक काल की इन गुफाओं में मानव का निवास होता था. जिसकी पुष्टि यहां पर आदि मानवों द्वारा निर्मित भित्ति चित्र करते हैं. सुयाल नदी के ऊपर स्थित इस गुफा में आदिकाल के मानवों द्वारा कई प्रकार के शैलचित्र उकेरे हैं जिनमे से कुछ मानव श्रृंखला, नृत्य करते हुए मानव और पशुओं की आकृति देखने को मिलती है.
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इतिहासकारों के अनुसार लखुउडियार उत्तराखंड की सबसे प्राचीनतम गुफा में है. जिसमें आदि काल में मानव रहा करते थे उस दौरान मानवों ने इन गुफाओं में काले सफेद और गेरवे रंग से आकृतियां बनाई है. जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से शोध के छात्र , सैलानी और जिज्ञासु लोग यहां आकर इस अनुपम कला के साक्षी बनते हैं,
लेकिन समय चक्र बीतने के साथ ही इस गुफा में ऐतिहासिक कलाकृतियां धुंधली होने लगी है. जिन्हें संरक्षण की जरूरत है. हालांकि, पुरातत्व विभाग द्वारा इन्हें अपने संरक्षण में लिया गया है .