सोमेश्वरः उत्तराखंड के जंगल गर्मियों में भीषण आग की चपेट में आ जाते हैं. जिससे प्रतिवर्ष भारी तादाद में वन संपदा जलकर नष्ट हो जाती है. दूसरी ओर दावाग्नि को रोकने के लिए वन विभाग द्वारा पर्याप्त इंतजाम का दावा किया जाता है लेकिन वास्तविकता इससे काफी दूर है. विभाग के सभी दावों की पोल खुल रही है. इसके विपरीत दावाग्नि को रोकने के नाम पर भारी भरकम बजट खर्च होता है लेकिन परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं दिखाई देता है.
इसकी बानगी सोमेश्वर के जंगलों में लगी आग से देखी जा सकती है. क्षेत्र के हुरिया और जैंणधार के जंगल पिछले 3 घंटों से धू-धू कर जल रहे हैं. शाम होने तक आग बूंगा और तीताकोट गांवों से सटे वन पंचायत के जंगल तक पहुंच चुकी है. आग में लाखों की वन संपदा जलकर राख हो रही है. वन महकमे के अधिकारी और कर्मचारी मामले से बेखबर हैं.
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