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अल्मोड़ा: कसार देवी क्षेत्र में जंगल की आग हुई बेकाबू, चपेट में आने से रेस्टोरेंट जलकर राख

अल्मोड़ा के कसार देवी क्षेत्र की जंगलों में लगी आग अब आबादी क्षेत्र में पहुंचने लगी है. इस आग की चपेट में एक रिसॉर्ट आ गया. आनन-फानन में पर्यटक और कर्मचारियों ने भागकर अपनी जान बचाई. वहीं, इस रिसॉर्ट का रेस्टोरेंट जलकर खाक हो गया. सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने बमुश्किल आग पर काबू पाया.

ALMORA
रेस्टोरेंट जलकर हुआ खाक

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Published : Apr 16, 2022, 7:43 PM IST

Updated : Apr 16, 2022, 7:55 PM IST

अल्मोड़ा: कसार देवी क्षेत्र के जंगल में लगी आग (Forest fire of Kasar Devi area) एक रिसॉर्ट तक जा पहुंची. देखते ही देखते आग ने रिसॉर्ट के रेस्टोरेंट को अपनी चपेट में ले लिया. कुछ ही देर में पूरा रेस्टोरेंट आग की लपटों से घिर गया. रेस्टोरेंट का अधिकांश हिस्सा जलकर राख हो गया है. रिसॉर्ट के कर्मचारियों ने भागकर अपनी जान बचाई. घटना से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है. आग से रिसॉर्ट को भारी नुकसान हुआ है.

अल्मोड़ा रेस्टोरेंट में आग (fire in almora restaurant) लगते ही आनन-फानन में होटल कर्मचारियों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी, मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने बमुश्किल रिसॉर्ट में लगी आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक रेस्टोरेंट का आधा हिस्सा छत समेत जलकर राख हो गया था. गनीमत रही कि इस आग में कोई जनहानि नहीं हुई. समय रहते पर्यटक और कर्मचारी वहां से बाहर निकल गए थे.

कसार देवी क्षेत्र में जंगल की आग हुई बेकाबू.

ये भी पढ़ें:अल्मोड़ा में 250 हेक्टेयर जंगल जलकर हुआ राख, वन विभाग के पास कर्मचारियों का टोटा, कैसे बुझेगी आग ?

अल्मोड़ा के कुछ जंगली इलाकों में बीती रात से आग लगी हुई हुई. कोसी कस्बे के पास का जंगल देर रात से धधक रहा है. जंगल में लगी आग फैलती ही जा रही है. इसके अलावा कसारदेवी, करबला और सिटौली के जंगल भी धू धू कर जल रहे हैं. वन विभाग के मुताबिक अल्मोड़ा में इस फायर सीजन में अब तक वनाग्नि की 100 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 250 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुका (250 hectares of forest burnt) है.

यही नहीं द्वाराहाट रेंज में वनाग्नि से पशुहानि भी हो चुकी है. वन विभाग के पास सबसे बड़ी चुनौती यह है कि दावानल से निपटने के लिए महकमे के पास फील्ड कर्मचारी तक नहीं है. हाल यह है कि वनाग्नि से निपटने में मुख्य रोल निभाने वाले फारेस्ट गार्ड के पद पर 50 फीसदी कर्मचारी ही कार्यरत हैं. बिना फील्ड कर्मचारियों के कैसे आग बुझेगी, यह बड़ा सवाल है.

Last Updated : Apr 16, 2022, 7:55 PM IST

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