सोमेश्वर:हर घर नल, हर घर जल योजना के तहत सिमखोला गांव में निर्माणाधीन पेयजल योजना के टैंक और हेड में किए गए कार्य को वन विभाग के कर्मचारियों ने तोड़फोड़ दिया है. आरोप है कि गत दिवस ग्राम प्रधान, ग्रामीणों और जल संस्थान के अवर अभियंता के साथ वन विभाग के कर्मचारियों की तीखी नोकझोंक हुई. ग्रामीणों तथा जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि वन विभाग ने पिछले वर्ष हर घर नल, हर घर जल योजना के तहत सिमखोला गांव के लिए कैलखोर गधेरे से बन रही पेयजल योजना का निर्माणाधीन टैंक (Tank under construction of drinking water scheme) और अन्य कार्य ध्वस्त कर दिये हैं.
सिमखोला में वन विभाग ने रोका हर घर नल, हर घर जल योजना का काम, तोड़ा टैंक - सिमखोला में वन विभाग
सिमखोला हर घर जल योजना (Simkhola Har Ghar Jal Yojana) के तहत निर्माणाधीन योजना को वन विभाग ने रोक दिया है. यहां बने निर्माणाधीन टैंक और अन्य कार्य ध्वस्त कर दिये गये हैं. जिसके कारण विवाद खड़ा हो गया है.
ग्राम प्रधान दीपा गोस्वामी का कहना है कि सिमखोला गांव के लिए अभी तक कोई भी पेयजल योजना नहीं बनी है. ग्रामीण पीने के पानी के लिए दूर-दूर भटकने को विवश हैं. दूसरी तरफ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को वन विभाग के कर्मचारी पलीता लगा रहे हैं. ग्राम प्रधान ने आरोप लगाया है कि गत दिवस वन विभाग ने हर घर नल हर घर जल योजना के तहत किए गए कार्य में तोड़फोड़ की. ग्राम प्रधान दीपा गोस्वामी, वन सरपंच मोहन गिरि, अरविंद गिरि, रमेश गिरि, दीवान गिरि, कुंदन गिरि, राजेंद्र गिरि, हीरा देवी, गोदावरी देवी, गणेश गिरि, सुरेश गिरि, चंपा देवी, दुर्गा देवी, गंगा देवी आदि ने शासन प्रशासन से पेयजल योजना को पूर्ण कराने तथा वन विभाग के खिलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की है.
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इधर जल संस्थान के अवर अभियंता तनुजा मेहता का कहना है कि वन विभाग ने गत वर्ष अनापत्ति प्रमाण पत्र के बगैर कार्य करने के आरोप में जल संस्थान से ₹25,000 का जुर्माना भी वसूल लिया था. अब दोबारा किए गए कार्य को वन विभाग के वन रक्षक कुंदन सिंह बिष्ट ने गत दिवस तोड़ दिया. जिनके खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा जा रहा है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग की भूमि में निर्माण हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया.