सोमेश्वर: पर्वतीय जनपदों में जंगली जानवरों के आतंक से तंग आकर किसान खेती से मुंह मोड़ रहे हैं. वहीं सोमेश्वर क्षेत्र के डौनी ग्राम पंचायत में भूतपूर्व सैनिक एवं प्रगतिशील काश्तकार गोविंद सिंह मेहरा ने जैविक खेती कर 10 फीट ऊंचा मटर का पेड़ उगाया है. इस पेड़ से उनका परिवार अब तक कई किलोग्राम मटर की फलियों का प्रयोग कर चुका है. गोविंद सिंह मेहरा की क्यारी में मटर के ऐसे अनेक पौधे उगे हुए हैं.
सोमेश्वर के डौनी गांव के काश्तकार ने उगाया 10 फीट ऊंचा मटर का पौधा, तोड़ चुके कई किलो फलियां - सोमेश्वर के डौनी गांव
सोमेश्वर में एक किसान की मेहनत रंग लाई है. किसान ने जैविक खेती कर 10 फीट ऊंचा मटर का पेड़ उगाया है. मटर का पेड़ फली से लदा हुआ है, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. इससे पूर्व अल्मोड़ा के बिल्लेख गांव में किसान ने 2.16 मीटर लंबा धनिया का पौधा उगाया था.
सामाजिक कार्यकर्ता किशन मेहरा ने बताया है कि उनके गांव में अब तक कई प्रकार की रिकॉर्ड वजन व लंबाई की सब्जियां पैदा हो चुकी हैं. गांव में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. ग्राम पंचायत डोनी के तोक हलबाड़ निवासी भूतपूर्व सैनिक गोविंद सिंह मेहरा ने जैविक खेती कर लगभग 10 फीट से ज्यादा ऊंचा मटर का पौधा उगाया है, जिसमें काफी मात्रा में मटर लगे हुए हैं. परिवार के लोग इस मटर के पौधे से लगभग 1 महीने से सब्जी भी खा रहे हैं.
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गोविंद सिंह द्वारा उगाए गए मटर के पौधों की जिस प्रकार ग्रोथ हो रही है, उससे यह प्रतीत होता है कि मटर के पौधे की ऊंचाई लगभग 15 फीट तक जा सकती है. गोविंद सिंह का कहना है कि उनके गांव में मूली, मिर्ची के कई मीटर ऊंचे पेड़ और गडेरी भी इससे पहले उगाई जा चुकी है, जिन्होंने मानक तोड़े थे. बता दें कि पूर्व में अल्मोड़ा के ताड़ीखेत विकासखंड के बिल्लेख गांव में काश्तकार गोपाल दत्त उप्रेती ने 2.16 मीटर लंबा धनिया का पौधा उगाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया था. गोपाल दत्त उप्रेती ने जैविक खेती कर धनिए के पौध को उगाया था.