अल्मोड़ा PWD अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप. अल्मोड़ा:लोक निर्माण विभाग के अल्मोड़ा स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में, नियमित वर्कचार्ज कर्मचारियों के संबंध में पूर्व से नियत बैठक में समस्याओं के समाधान के लिए वार्ता न करने से गुस्साए कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर विरोध में नारे लगाए. कर्मचारियों ने अधिकारियों पर तानाशाही रवैया अपनाने एवं कर्मचारियों की पेंशन के संबंध में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. उन्होंने चेतावनी दी कि एक सप्ताह के अंदर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वह क्षेत्र के सभी कार्यालयों में धरना प्रदर्शन कर आंदोलन करेंगे. पेंशन प्रकरण में हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर करेंगे. बैठक के लिए अल्मोड़ा सहित पिथौरागढ़, बागेश्वर व चंपावत से कर्मचारी पहुंचे हुए थे.
प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने कहा कि फील्ड कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के संबंध में मुख्य अभियंता ने बैठक बुलाई थी. जिसमें सभी अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंताओं को भी आना था. लेकिन बैठक में कर्मचारियों की कोई समस्या नहीं सुनी गई. बैठक की औपचारिकताएं तक पूरी नहीं की गई. मुख्य अभियंता ने बिना वार्ता के पहले से ही पत्र बनाकर रखा था, जो संगठन को गुमराह करने की मंशा से था.
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रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन रुकी: संघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा ने बताया कि उनकी मुख्य मांग कर्मचारियों की पेंशन प्रकरण के संबंध में थी. विभाग के कर्मचारी जो एक वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनके पेंशन के कागजात अधिशासी अभियंता की लेट लतीफी के कारण कोषागार तक नहीं पहुंचे. इससे अब वह सेवानिवृत्त कर्मचारी पेंशन से वंचित हो गए हैं. संगठन ने मांग की है कि जिन अधिकारियों की लापरवाही से सेवानिवृत्त कर्मचारी अपने पेंशन से वंचित हुए हैं, सरकार या मुख्य अभियंता उन लापरवाह अधिकारियों की जिम्मेदारी फिक्स करते हुए उनसे वसूली कर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनकी धनराशि उपलब्ध कराए.
कोर्ट जाने की दी चेतावनी: संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा नहीं होने पर संगठन न्यायालय की शरण जाएगा और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय में व्यक्तिगत वाद भी दायर करेगा. इसके अलावा संघ ने कहा कि कर्मचारियों के पदोन्नति के मामले में भी हीलाहवाली की जा रही है. बैठक में इस संबंध में वार्ता होनी थी लेकिन मुख्य अभियंता बिना वार्ता किए तीन मिनट में बैठक से चले गए और कर्मचारियों की बात नहीं सुनी. कर्मचारियों ने तुरंत एक नोटिस तैयार कर मुख्य अभियंता कार्यालय में दिया और चेतावनी दी कि एक सप्ताह में मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो वह धरना प्रदर्शन कर आंदोलन करेंगे और अधिकारियों का घेराव करेंगे. प्रदेश स्तर तक आंदोलन किया जाएगा.
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