अल्मोड़ा/देहरादून: जिला अस्पताल (Almora District Hospital) में आधी रात को इमरजेंसी में तैनात डाक्टर शराब के नशे (Drunk doctor in Almora district hospital) में धुत मिला. रात को पांच वर्षीय बच्चे का उपचार कराने पहुंचे तीमारदारों ने जब डॉक्टर को नशे में धुत देखा तो विरोध जताया. बाद में उन्हें बिना उपचार कराए लौटना पड़ा. डॉक्टर के इमरजेंसी में धुत होने का एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल (video of almora district hospital viral) हो रहा है.
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में विगत दिनों बलवंत लाल अपने पांच वर्षीय पुत्र आरुष कुमार को लेकर पहुंचे थे. बच्चे को 103 डिग्री बुखार था. इमरजेंसी में मरीज को उपचार करवाने ले गए तो वहां तैनात डाक्टर बोलने तक की स्थिति में नहीं था. उसकी जुबान लड़खड़ा रही थी. वह पर्चे पर दवाइयां भी नहीं लिख पा रहा था.
नशे में धुत इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर नशे में धुत डाक्टर को देख परिजन ने कड़ी नाराजगी जताई. काफी देर बहस की पर बच्चे की हालत देखते हुए वह तुरंत वहां से किसी दूसरे अस्पताल के लिए निकल गये. डाक्टर से नाम पूछने पर नशे में धुत डाक्टर सिर्फ झूमता ही रहा. उसने गुस्साए परिजनों को धमकाते हुए कहा कि जो करना है कर लो.
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अस्पताल पहुंचे तीमारदारों ने बहस के दौरान नशे में धुत डाॅक्टर का वीडियो बना लिया. एक मिनट 58 सेकेंड के वीडियो में पूरा मामला कैद हो गया. अस्पताल में इस तरह से डाक्टर के नशे में धुत पाए जाने से लोगों में रोष है. मामला बढ़ता देख अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (पीएमएस) डा. कुसुमलता ने संबंधित डाक्टर से स्पष्टीकरण मांगा है. जिस पर डाक्टर ने अपना पक्ष रखते हुए शराब के सेवन से इंकार करते हुए खुद का स्वास्थ्य बिगड़ने की बात कही है. डॉक्टर के मुताबिक शराब नहीं, दवाओं के कारण उन्हें नशा हुआ था.
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जिला अस्पताल अल्मोड़ा की पीएमएस डा. कुसुमलता ने कहा कि डॉक्टर के इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान नशे में होने का मामला संज्ञान में आया है. डाक्टर से वास्तविकता की जानकारी ली जा रही है. पूरे मामले में संबंधित डाक्टर के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.अल्मोड़ा जिला अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर नशे में धुत मिलने के मामले में प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने संज्ञान लिया है. उन्होंने तीन दिन में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है.
हमलावर हुई कांग्रेस: कांग्रेस भी इस मामले पर हमलावर मोड में आ गई है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरीमा दसौनी ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा प्रदेश में ऐसे मंत्री को स्वास्थ विभाग की जिम्मेदारी दी गई है जो अपने किसी एक विभाग के साथ भी न्याय नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र रावत ने सीएम रहते हुए स्वास्थ विभाग अपने अधीन रखा, और तब कांग्रेस बार-बार यह कहती आई कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा रही है. उसके बाद आखिरी 1 साल में स्वास्थ्य महकमा संभालने के लिए एक ऐसे मंत्री को जिम्मेदारी दे दी गई जिसको मरीजों तीमारदारों ,डॉक्टरों और नर्सों की कोई चिंता नहीं है. उन्होंने कहा अल्मोड़ा के जिला चिकित्सालय के वीडियो को देखकर ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के ऐसे हालात हो गए हैं कि स्वास्थ्य मंत्री को अपने विभाग से कोई लेना देना नहीं है.