उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

फर्जी सर्टिफिकेट के जरिये शिक्षक बनने के मामले में विभाग जारी किया नोटिस - शिक्षा विभाग उत्तराखंड

अल्मोड़ा के हवालबाग विकासखंड के प्राथमिक स्कूल में तैनात एक शिक्षक पर फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी पाने को लेकर शिक्षा विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नोटिस में शिक्षक को एक हफ्ते के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा गया है.

fake-certificate
fake-certificate

By

Published : Mar 31, 2021, 5:43 PM IST

अल्मोड़ा: जिले के हवालबाग विकासखंड के प्राथमिक स्कूल में तैनात एक शिक्षक पर फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी पाने को लेकर शिक्षा विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नोटिस में शिक्षक को एक हफ्ते के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा गया है.

बता दें कि, अल्मोड़ा जिले के हवालबाग विकासखंड के बल्सा प्राथमिक विद्यायल में तैनात शिक्षक इंटर के प्रमाणपत्र जांच में फर्जी पाए गए हैं. मुख्य शिक्षा अधिकारी एचबी चंद्र द्वारा जारी नोटिस पत्र के अनुसार स्कूल और यूपी बोर्ड को भेजे गए, इस शिक्षक के इंटर के अंकपत्र और प्रमाण पत्र दोनों का मिलान नहीं हो पाया है.

मुख्य शिक्षा अधिकारी एचबी चंद ने बताया कि राजकीय प्राथमिक स्कूल बल्शा (हवालबाग) के प्रधानाध्यापक पुष्कर कुमार का इंटरमीडिएट का प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए क्षेत्रीय सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद बरेली भेजा गया था. सचिव कार्यालय ने दो मार्च को भेजे गए पत्र में संबंधित प्रधानाध्यापक का परीक्षाफल रद्द बताया है.

गौरतलब है कि, नैनीताल उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका के बाद शिक्षकों के प्रमाणपत्र और अंकपत्रों की जांच कराई गई थी. इसी क्रम में राजकीय प्राथमिक विद्यालय वल्सा में कार्यरत प्रधानाध्यापक पुष्कर कुमार के अंकपत्र और प्रमाण पत्र की भी जांच कराये जाने पर इंटर के अंकपत्र का मिलान सही नहीं पाया गया.

माध्यमिक शिक्षा परिषद बरेली से जांच को भेजे गये पत्र में बताया गया कि उक्त शिक्षक का परीक्षाफल अपूर्ण है. जबकि उसने शिक्षा विभाग में दिए अपने अंकपत्र में खुद को पास दिखाया था. इसी तरह इस शिक्षक के प्रमाण पत्र और अंकपत्रों का मिलान सीआरएसटी इंटर कॉलेज नैनीताल के अभिलेखों से नहीं हुआ.

पढ़ें:देहरादून के सरकारी स्कूलों में एक अप्रैल से शुरू होंगी गृह परीक्षाएं

अब जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा ने अपने पत्र में उक्त शिक्षक को एक सप्ताह के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है. पत्र में कहा गया है कि पक्ष प्रस्तुत न कर पाने की स्थिति में उक्त शिक्षक के खिलाफ उत्तराखंड सरकारी सेवक नियमावली के प्रावधानों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details