अल्मोड़ा:जिले के स्याल्दे ब्लॉक में एक महिला की मिट्टी के टीले के नीचे दबने से मौत हो गई है. ग्रामीणों की मदद से महिला को मिट्टी के ढेर से निकाला गया. उसे 108 की मदद से सीएचसी भिकियासैंण ले गए. अस्पताल ले जाते वक्त महिला ने रास्ते मे ही दम तोड़ दिया. परिजनों ने बिना राजस्व पुलिस को इसकी सूचना दिए महिला का अंतिम संस्कार कर दिया है.
स्याल्दे ब्लॉक के गांव तामाढौन निवासी हेमा देवी पत्नी गोविंद सिंह शनिवार को अपनी दो बेटियों कंचन और खुशबू के साथ गांव के पास ही मिट्टी के टीले से घर की लिपाई पुताई के लिए लाल मिट्टी लेने गई थी. महिला सुरंगनुमा मिट्टी के टीले के अंदर मिट्टी खोद रही थी. इसी दौरान ऊपर से मिट्टी का टीला भरभराकर उसके ऊपर गिरने से वह टीले के नीचे दब गई. बेटियों के शोर मचाने पर पहुंचे ग्रामीणों ने मिट्टी से हेमा को बाहर निकाला. उसे 108 की मदद से सीएचसी भिकियासैंण ले गए. अस्पताल ले जाते वक्त महिला ने रास्ते मे ही दम तोड़ दिया. महिला की मौत उसकी दोनों बेटियां सदमे में हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि इस जगह से स्याल्दे क्षेत्र के छह से अधिक गांवो के लोग घर की लिपाई पुताई के लिए मिट्टी खोदकर लाते हैं. मिट्टी खोदकर वह स्थान सुरंग जैसा बन गया है. इन दिनों लगातार बारिश होने के कारण जमीन में दरारें आयी हुई है. जिस कारण यह हादसा हुआ है.
अल्मोड़ा: मिट्टी का टीला ढहने से महिला की मौत
जिले के स्याल्दे ब्लॉक में एक महिला की मिट्टी के टीले के नीचे दबने से मौत हो गई है. ग्रामीणों की मदद से महिला को मिट्टी के ढेर से निकाला गया. उसे 108 की मदद से सीएचसी भिकियासैंण ले गए. अस्पताल ले जाते वक्त महिला ने रास्ते मे ही दम तोड़ दिया.
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बता दें कि, पहाड़ के गांवों में घर की लिपाई के लिए लाल मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है. लाल मिट्टी को गोबर में मिलाकर घर की लिपाई-पुताई होती है. गांवों में आज भी मिट्टी से ही घर की लिपाई करने का प्रचलन है. इसके लिए महिलाएं मिट्टी के टीलों से खुदाई करती हैं. लगातार खुदाई करने के बाद मिट्टी का टीला अंदर से खोखला हो जाता है. टीले के अंदर बड़ी गुफा तक बन जाती है. कई बार महिलाए इसके अंदर घुसकर खुदाई करती हैं. जिले में मिट्टी के टीले से मिट्टी खुदाई के दौरान पूर्व में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं.