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अतिवृष्टि ने 50 से ज्यादा गांवों में मचाई तबाही, वज्रपात से जला ट्रांसफार्मर, तीन मवेशी जिंदा दफन

भारी बरसात और ओलावृष्टि से नदियां और गदेरे उफान पर आ गये हैं. जिससे किसानों की फसल चौपट हो गई है. गौशाला ध्वस्त होने से 3 मवेशियों की मलबे में दबकर मौत हो गई.

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Published : May 5, 2020, 9:51 PM IST

सोमेश्वर: मंगलवार शाम भारी बरसात और ओलावृष्टि से नदियां और गदेरे उफान पर आ गये हैं. जिससे किसानों की फसल चौपट हो गई है. भारी बारिश से धौलरा गांव में गौशाला ध्वस्त होने से 3 मवेशियों की मलबे में दबकर मौत हो गई. अतिवृष्टि के दौरान वज्रपात होने से हाई टेंशन की लाइन में आग लगने से ट्रांसफार्मर में भी धमाका हो गया. जिससे दर्जनों लोगों के विद्युत उपकरण भी फूंक गए.

आज शाम सोमेश्वर घाटी में भारी बरसात और ओलावृष्टि से क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि के साथ हुई मूसलाधार बरसात के कारण तमाम नदियां और गदेरे उफान पर आ गए. जिससे किसानों के खेतों में खड़ी फसल तहस-नहस हो गई है. साथ ही कोसी, मेनोली, साईं और मनसा नदियां भी अचानक उफान पर आ गई हैं. जैंतकोट की पहाड़ी में बिजली की हाई टेंशन लाइन में अचानक आग लगने के कारण ट्रांसफार्मर जल गया और क्षेत्र में कई लोगों के विद्युत संचालित उपकरण भी फूंक गए. इस हादसे में धौलरा गांव में गौशाला मलबे में दबने से दीप कुमार के 3 मवेशी जिंदा दफन हो गए.

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मिली जनकारी के अनुसार, शाम साढ़े चार बजे शुरू हुई बरसात और ओलावृष्टि ने एक घण्टे में ग्रामीणों की खेती और बागवानी सब चौपट कर दी है. चनौदा, कांटली, छानी, ल्वेशाल, जीतब, गुरुड़ा, लोद घाटी के लखनाड़ी, बरगला, मनसा घाटी के डिगरा, चौड़ा, बनोड़ा, बैगनिया, सोमेश्वर, पल्यूडा सहित बौरारौ के 50 से अधिक गांवों में इस अतिवृष्टि से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. समूचे क्षेत्र में किसानों की गेहूं, आलू, प्याज, लहसुन, सब्जियों की पौंध और बागवानी को खासा नुकसान हुआ है. किसानों ने इस नुकसान पर मुआवजे की मांग की है.

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