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कोशिशें रंग लाई तो बदली चौखुटिया सरकारी अस्पताल की सूरत, प्रवासियों ने की मदद - rajyasabha mp anil baluni

उत्तराखंड के नौजवानों ने चौखुटिया के सरकारी अस्पताल की सूरत बदल दी. जहां बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव था, वहां आज यह अस्पताल पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बन चुका है.

कोशिशें रंग लाई तो बदली सरकारी अस्पताल की सूरत
कोशिशें रंग लाई तो बदली सरकारी अस्पताल की सूरत

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Published : Jun 14, 2021, 8:15 AM IST

Updated : Jun 14, 2021, 10:14 AM IST

अल्मोड़ा: कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी मुसीबत आड़े नहीं आती. इस बात को एक बार फिर सही साबित कर दिया है उत्तराखंड के कुछ नौजवानों ने जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान अस्पताल की तस्वीर ही बदल दी. जिस कस्बे के लोगों को कोरोना के इलाज के लिए 100 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था, वहां के लोग अब खुले दिल से इन नौजवानों की मेहनत की तारीफ करते नहीं थक रहे.

जिस अस्पताल की सूरत इन नौजवानों ने बदली है, वो अल्मोड़ा जिले की चौखुटिया तहसील का सरकारी अस्पताल है. कोरोना की दूसरी लहर ने इस अस्पताल को भी लाचार कर दिया था. यहां बुनियादी संसाधन तक नहीं थे, लेकिन मेहनत रंग लाई और मई के बाद हालात बदलने लगे.

नौजवानों की कोशिश से बदली अस्पताल की सूरत

यहां की बदहाली की खबर जैसे ही चौखुटिया के प्रवासी नौजवानों को लगी, उन्होंने इस अस्पताल को बदलने की कोशिशें शुरू कर दी. कोशिशें शुरू हुई तो और लोगों के हाथ भी आगे आने लगे.

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राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने भी की मदद

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने बीजेपी की नेशनल मीडिया टीम के सदस्य सतीश लखेड़ा के आग्रह पर पांच ऑक्सीज़न कंसंट्रेटर चौखुटिया भिजवा दिए. इस बीच खुद कोरोना संक्रमण से जूझ रहे लेखक, पत्रकार दिनेश कांडपाल ने टेक महिन्द्रा फाउंडेशन से संपर्क किया. वहां से भी उन्हें 2 ऑक्सीज़न कंसंट्रेटर, एक हजार पीपीई किट और एक हज़ार एन-95 मास्क की मदद मिली. ये एक बड़ी खेप थी, जो अस्पताल के लिए वरदान साबित हुई.

उत्तराखंड पुलिस ने भी निभाया साथ

इसके बाद तो जैसे इन नौजवानों की कोशिशों ने रफ्तार पकड़ ली. चौखुटिया की आवाज ग्रुप के हेम कांडपाल सारे कार्यक्रमों को कोऑर्डिनेट करते चले गए. दिल्ली में एक प्रतिष्ठित कंपनी में काम करने वाले दिनेश फुलारा और मुकेश नेगी भी इस कोशिश से जुड़ गए. उत्तराखंड पुलिस के जांबाज अफसर जगदीश पंत ने 10 लाख का सामान चौखुटिया के इस अस्पताल को समर्पित किया.

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इस बीच चौखुटिया में भारतीय सेना की डोगरा रेजीमेंट के सहयोग से 10 बेड का कोविड अस्पताल भी शुरू किया गया. इलाके के लोग अब भी इस मुहिम को जारी रखे हुए हैं. आपदा के वक्त हौसला और कुछ कर गुजरने की लगन ने इस अस्पताल की सूरत बदल दी है. बिना सरकारी मदद के चौखुटिया का ये सरकारी अस्पताल आज पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बन चुका है.

Last Updated : Jun 14, 2021, 10:14 AM IST

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