अल्मोड़ा:जिले में आज आजिविका महोत्सव (Aajeevika Mahotsav 2021) का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने किया. इसके अलावा सीएम धामी ने रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर का उद्घाटन किया. साथ ही साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाई. इसके साथ ही सीएम धामी ने 4919.41 लाख रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया.
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर (Rural Business Incubator Center) के माध्यम से स्थानीय कास्तकारों, उद्यमियों व समूहों को फायदा मिलेगा. सीएम ने कहा कि प्रथम चरण में अल्मोड़ा के हवालबाग व पौड़ी के कोटद्वार में यह सेंटर खोले गए हैं, जो लोग अपना स्वरोजगार करना चाहते हैं या स्थानीय स्तर पर उत्पाद तैयार करते हैं. उनके उत्पादों को बाजार देने व अन्य जानकारियों के लिए आगे प्रत्येक जिले में रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर खोले जाएंगे.
आजीविका महोत्सव में शामिल हुए सीएम इस दौरान सीएम ने आजीविका महोत्सव में सभी को सम्बोधित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार काम कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में 3600 से अधिक होम स्टे खुले हैं. आने वाले दिनों में होम स्टे (Home Stay) पर्यटन का मुख्य आधार बनेगा. सीएम धामी ने कहा डबल इंजन की सरकार तेजी से विकास काम कर रही है.
सीएम ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के जो भी ग्रामीण और बेरोजगार युवा उद्यम स्थापित करना चाहते हैं या फिर पूर्व में स्थापित लघु उद्यम को बढ़ाना चाहते हैं. ऐसे उद्यमियों के लिए बिजनेस प्रस्ताव तैयार करने, वित्तीय समावेशन, विभिन्न प्रकार के आवश्यक विधिक प्रक्रियाओं एवं उद्यम को पंजीकृत कराने, कृषि और गैरकृषि क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग, उद्यम स्थापना आदि प्रोफेशनल सहयोग के लिए उत्तराखंड में 2 रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर स्थापित किये गए हैं. जिसमें एक अल्मोड़ा के हवालबाग में तो दूसरा पौड़ी के कोटद्वार में स्थापित किया गया है.
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क्या है रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर: प्रदेश सरकार ने गढ़वाल के लिए कोटद्वार और कुमाऊं के लिए अल्मोड़ा के हवालबाग में इस सेंटर की स्थापना की है. रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर नाम से स्थापित इस सेंटर के तहत जहां मौजूदा व्यवसाय को प्रोत्साहन दिया जाएगा वहीं, युवाओं को स्वरोजगार के लिए तैयार करने के लिए इनक्यूबेटर मॉड्यूलर सपोर्ट (Incubators Modular Support) के माध्यम से 6 से 9 माह की अवधि में छोटे-छोटे प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे. इस केंद्र के माध्यम से स्वरोजगार के लिए इच्छुक युवाओं को विशेषज्ञ सलाहकारों द्वारा आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके साथ ही इस सेंटर की स्थापना के बाद से प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों से लगातार हो रहे पलायन पर भी रोक लगेगी.