अल्मोड़ाःजिले में अवैध खनन का कारोबार (Almora illegal mining) खूब फल फूल रहा है. माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि जिला प्रशासन के नाक के नीचे अवैध खनन के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस नींद में नजर आ रही है. खनन माफिया नियम कायदों को ठेंगा दिखाते हुए जहां नदी से अवैध तरीके से रेता बजरी निकाल लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं तो वहीं नदी से प्राकृतिक संसाधनों की इस लूट से राजस्व विभाग और सरकार को अच्छी खासी चपत भी लग रही है. उधर, रामनगर में अवैध खनन में शामिल तीन ट्रैक्टर ट्राली को सीज किया गया है.
दरअसल, अल्मोड़ा जिला मुख्यालय से महज 10 किमी की दूरी पर जीवनदायनी सुयाल नदी बहती है, लेकिन लंबे समय से इस नदी में अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है. खुलेआम नदी से खनिज संपदा की लूट की जा रही है. खनन माफिया नदी से अवैध तरीके से रेता बजरी निकालने के बाद उसे बेचकर लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं, लेकिन हैरत की बात ये है कि प्रशासनिक अमले को इसकी भनक तक नहीं है. वहीं, खाकी भी इस अवैध खनन और उसके परिवहन से अनजान है.
वही, उपपा नेता पीसी तिवारी (Uttarakhand Parivartan Party leader PC Tiwari) ने कहा प्रदेश में अवैध खनन व कमीशनखोरी राजनीति का आधार बन गया है. सतारूढ़ दलों से जुड़े प्रभावशाली लोगों की ओर से सरकार के संरक्षण में इन अवैध कामों को अंजाम दिया जा रहा है. सुयाल नदी में लंबे समय से कुछ ऐसे ही प्रभावशाली लोग खनन कर रहे हैं. जिससे न सिर्फ वो पैसा कमा रहे है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है.
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