सोमेश्वर: 'कोसी नदी पुनर्जनन योजना' सीएम त्रिवेंद्र रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. लेकिन बागेश्वर जिला प्रशासन द्वारा इसके उद्गम स्थल से पेयजल योजना बनाने की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. इसके विरोध में सभी ग्रामीण आगामी 15 दिसंबर को ग्राम छानी के पंचायत घर में क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों और जन प्रतिनिधियों की एक बैठक करेंगे. जिसमें कोसी नदी के अस्तित्व पर खतरे से निपटने के लिए अग्रिम रणनीति तय करेंगे.
दरअसल, ग्रामीणों को भनक लगी है कि मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट 'कोसी नदी पुनर्जनन योजना' के तहत पिनाथेश्वर की पहाड़ी से बागेश्वर जिले के लिए एक पेयजल योजना का निर्माण किया जा रहा है. जिसके बाद से ही उनमें काफी रोष बना हुआ है. उनका कहना है कि कोसी नदी पर पिनाथेश्वर की पहाड़ी के नीचे ग्राम कांटली, मठ, रौलयाणा, कफाड़ी, पच्चीसी, सहित सोमेश्वर के दर्जनों गांव, हवालबाग विकास खंड और जिला मुख्यालय अल्मोड़ा के नागरिक सिंचाई और पेयजल हेतु नदी पर निर्भर हैं. ग्रमीणों का आरोप है कि नदी के जलस्रोतों को रिचार्ज करने के बजाय प्रशासन इसके उदगम स्थल पिनाथेश्वर की पहाड़ी से 6 इंच पानी टेप कर सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट पर पलीता लगाने की कवायद में जुटा है.