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अल्मोड़ा में मिले सैकड़ों साल पुराने दो ताम्रपत्र, पुरातत्व विभाग ने रिकॉर्ड में किया शामिल

अल्मोड़ा के भिकियासैंण तहसील के 397 गांवों में क्षेत्रीय पुरातत्व विभाग की टीम बीते जुलाई महीने के अंतिम हफ्ते से पुरातत्व महत्व की चीजों को खोजने के लिए सर्वेक्षण कर रही है. इसी कड़ी में टीम को केदारगांव से चंद शासन काल के दो ताम्रपत्र मिला है. जिसमें एक 451 साल पुराना है. जबकि दूसरा 353 साल पुराना ताम्रपत्र तिमली गांव से मिला है.

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Published : Aug 30, 2019, 7:58 PM IST

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अल्मोड़ाःक्षेत्रीय पुरातत्व विभाग की टीम इन दिनों भिकियासैंण तहसील के कई गांवों में सर्वेक्षण अभियान चला रही है. इसी कड़ी में सर्वेक्षण के दौरान टीम को चंद शासन काल के दो ताम्रपत्र मिले हैं. माना जा रहा है कि एक ताम्रपत्र 451 साल पुराना है, जबकि, दूसरा 353 साल पुराना है. वहीं, पुरातत्व विभाग ने दोनों ताम्रपत्र को अपने रिकॉर्ड में शामिल कर लिया है.

जानकारी देते क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी चंद्र सिंह चौहान.

बता दें कि, अल्मोड़ा के भिकियासैंण तहसील के 397 गांवों में क्षेत्रीय पुरातत्व विभाग की टीम बीते जुलाई महीने के अंतिम हफ्ते से पुरातत्व महत्व की चीजों को खोजने के लिए सर्वेक्षण कर रही है. इसके तहत पुरातत्व विभाग की टीम प्राचीन मंदिर, सुरंग, गुफा, नौले, अभिलेख, ताम्रपत्र, रॉक पेटिंग, ऐतिहासिक धरोहरों आदि खोजने में जुटी है. अभी भी लगातार अभियान जारी है.

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इसी कड़ी में क्षेत्रीय पुरातत्त्व विभाग की टीम को सर्वेक्षण के दौरान चंद शासन काल के दो ताम्रपत्र मिले हैं. इनमें से एक ताम्रपत्र राजा रूद्र चंद के काल 1490 शाके यानि सन् 1568 का है. जो कि केदारगांव में महेश चंद्र डडरियाल के घर से मिला है. इस ताम्रपत्र में महेश चंद्र डडरियाल के पूर्वजों को राजा रूद्र चंद ने मंदिर में भोग लगाने की व्यवस्था के लिए जारी किया था.

सर्वेक्षण में मिला ताम्रपत्र.

वहीं, दूसरा ताम्रपत्र तिमली गांव के लक्ष्मण बिष्ट के घर से मिला है. जो राजा बाज बहादुर चंद के काल 1588 शाके यानि सन् 1666 का है. क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी चंद्र सिंह चौहान ने बताया कि अलग-अलग गांव से दो ताम्रपत्र मिले हैं. जिन्हें पुरातत्व विभाग ने इन दोनों ताम्र पत्र को अपने रिकॉर्ड में शामिल कर लिया है. इस सर्वेक्षण में अभी तक पुरातत्व विभाग की टीम को एक प्राचीन सुरंग भी मिल चुका है.

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