अल्मोड़ा: जिले के चितई नामक जगह पर स्थित गोलू देवता का मंदिर देश में न्याय के देवता के मंदिर के तौर पर प्रसिद्ध है. मान्यता यह है कि जिसको अदालतों से न्याय नहीं मिल पाता है, उसे गोलू देवता के दरबार में न्याय मिलता है. यही कारण है कि हर साल लाखों की संख्या में यहां फरियादी पहुंचते हैं और मन्नतें मांगते हैं. श्रद्धालु अपनी फरियाद को यहां अर्जी के रूप में लिखकर मंदिर में टांग जाते हैं.
मन्नतें पूरी होने के बाद श्रद्धालु दोबारा गोलू देवता के दरबार में पहुंचकर घंटी चढ़ाते हैं. यहां टंगी लाखों की संख्या में घंटिया और अर्जियां इस बात की गवाह हैं कि चितई के गोलू देवता के मंदिर से लाखों श्रद्धालुओं की मन्नतें अब तक पूरी हुईं होंगी. लेकिन कोरोना के कारण बीते 6 महीनों में मंदिर में चढ़ने वाली घंटियों की रफ्तार भी थम सी गयी है. इस कारण मंदिर के परिसर में घंटी समेत अन्य पूजा-पाठ का सामान बेचकर अपनी आजीविका चलाने वाले दुकानदारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.