अल्मोड़ा:देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां वोकल फॉर लोकल व स्वदेशी अपनाओ की बात कर रहे हैं, वहीं आजादी के दौरान महात्मा गांधी के स्वदेशी मुहिम के तहत खोले गए गांधी आश्रम की आज हालत इन दिनों खस्ताहाल है, जिले के चनौदा समेत नगर में संचालित क्षेत्रीय गांधी आश्रम सरकार की अनदेखी से बंद होने की कगार पर है.
गौरतलब है कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी 1929 में अल्मोड़ा यात्रा पर आए थे, जहां कौसानी जाते समय वह चनौदा में रुके, उनके साथ उनके सहयोगी और प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शांति लाल त्रिवेदी भी थे. गांधी जी ने चनौदा में एकत्र हुए लोगों से विदेशी कपड़े त्यागकर खुद के बनाए कपड़े पहनने का आह्वान किया था. महात्मा गांधी की प्रेरणा से ही शांति लाल त्रिवेदी ने 1937 में यहां आकर क्षेत्रीय गांधी आश्रम की स्थापना की थी.
जिसके बाद 1955 में इसकी एक शाखा अल्मोड़ा शहर में खोली गई. पहले खादी वस्त्रों की अच्छी खासी मांग के चलते यह खादी केंद्र काफी मुनाफे में थे, लेकिन धीरे-धीरे वक्त के साथ खादी की डिमांड घटती चली गई. आज यह गांधी आश्रम घाटे के चलते बंद होने के कगार पर खड़ा है.