अल्मोड़ाः सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा के ताड़ीखेत ब्लॉक के सुनियाकोट गांव ने देशभर में एक मिसाल कायम की है. इसका जिक्र पिछले दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात में भी कर चुके हैं. प्रधानमंत्री ग्रामीणों की एकजुटता और कर्मठता की जमकर तारीफ कर चुके हैं. लगभग दो दशकों से पेयजल समस्या से जूझ रहे इस गांव के ग्रामीणों ने आखिरकार सिस्टम को आइना दिखाते हुए अपने गांव के लिए खुद ही पेयजल लाइन बिछा दी. ग्रामीणों की इस पहल की चौतरफा तारीफ हो रही है.
गौर हो कि उत्तराखंड के दुर्गम गांव सुनियाकोट के गांव के वाशिंदे पिछले 20 सालों से पेयजल के संकट से जूझ रहे थे. ग्रामीण पानी के एक- एक बूंद को तरस रहे थे. लोगों द्वारा 20 सालों से नेताओं व अधिकारियों के चक्कर लगाने के बावजूद जब उनके हलक तर न हो सके, तो गांव के लोगों ने सिस्टम को आइना दिखाते हुए खुद ही गांव में पेयजल योजना बनाने की ठान ली. फिर क्या था सुनियाकोट गांव के प्रत्येक परिवार से 15 हजार रुपए की धनराशि जमा की गई. गांव में रहने वाले 40 परिवारों से धनराशि जुटाकर और खुद श्रमदान कर गांव से करीब एक किलोमीटर दूर पानी के स्रोत से गांव के पुराने पानी के टैंक को ठीक कर वहां तक पानी पहुंचाकर वही पंपिंग मशीन स्थापित कर दी.