सोमेश्वर: बीती रात सोमेश्वर क्षेत्र में हुई भारी बरसात के कारण चनौदा घाटी और लोद घाटी में भारी नुकसान हुआ है. लोद घाटी के खाड़ी सुनार गांव में साईं नदी के ऊपर बने गांव को जोड़ने वाला एकमात्र पुल ध्वस्त हो गया. जबकि गुरुड़ा गांव में उफनाए गोलू गधेरे में भारी मलबा आने से 6 से अधिक किसानों के धान के खेत मलबे से पट गए. वहीं गांव का एकमात्र मार्ग बाधित हो गया है, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
सोमेश्वर घाटी में बारिश का कहर. मॉनसून की पहली बरसात में सोमेश्वर घाटी में एक पुलिया ध्वस्त हो गई और किसानों के धान के खेत मलबे से पट गए हैं. इसके अलावा भू-कटाव होने से कई किसानों के खेत भी बह गए है. बता दें कि गुरुवार की रात क्षेत्र में हुई भारी बरसात के कारण लोद घाटी के साड़ी सुनार गांव को जोड़ने वाली एकमात्र पुलिया, स्कूल, पंचायत घर और गांव का मुख्य रास्ता साईं नदी के कटाव में आ गए . इसके अलावा कुटलगढ़ गधेरे से लगभग 12 से अधिक ग्रामीणों के धान के खेत भू-कटाव होने से नदी में बह गए हैं.
सोमेश्वर घाटी में भारी बरसात. यह भी पढ़ें:उत्तराखंड लॉकडाउनः नियमों का उल्लंघन करने पर 22 लोगों पर मुकदमा दर्ज, 977 गिरफ्तार
भारी बरसात से किसानों की हाल ही में हुई धान की रोपाई को भी भारी क्षति हुई है. चनौदा के गुरुड़ा गांव में गोलू गधेरे से गांव को जोड़ने वाले लोक निर्माण विभाग के पुल का मार्ग भी अवरुद्ध हो गया है. गधेरे के मलबे में जीवन राम, मोहन राम, उमेश सिंह बोरा, दीवान राम आदि के खेत मलबे से पट गए हैं. इसके अलावा गांव का एकमात्र आवाजाही का रास्ता भी बंद हो गया है.
सोमेश्वर घाटी में भारी बारिश से ध्वस्त हुई पुलिया. ग्रामीणों का आरोप है कि 4 साल पहले पुल को जोड़ने वाला यह मार्ग आपदा में ध्वस्त हो गया था, जिसे विभाग ने अब तक नहीं बनवाया गया. ग्रामीणों ने श्रमदान कर आवाजाही के लायक मार्ग को किसी तरह दुरुस्त किया था, जो बीती रात की बारिश में ध्वस्त हो गया. ऐसे में ग्रामीणों को अन्यत्र मार्ग से आवाजाही करनी पड़ रही है. वहीं साईं नदी और कुटलगढ़ गधेरे से खाड़ी सुनार गांव के काश्तकारों के खेत भी भू कटाव की चपेट में आ गए. पीड़ित ग्रामीणों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.