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Published : Feb 23, 2020, 12:40 PM IST

Updated : Feb 23, 2020, 9:43 PM IST

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कुमाउंनी बैठकी होली का पांचवां महोत्सव संपन्न, गायकों ने जीता दिल

बग्वालीपोखर के पोखरम संस्थान में बैठकी होली का पांचवा महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस कार्यक्रम के दौरान गायकों ने अपनी गायकी का जलवा बिखेरा.

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द्वाराहाट: अल्मोड़ा जिले के बग्वालीपोखर स्थित पोखरम संस्थान में शास्त्रीय पक्ष वाली बैठकी होली का पांचवां महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया. कुमाउंनी होली का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व है. इसलिए कुमाऊं के लोगों के लिए ये महत्वपूर्ण त्योहार है. इसके साथ ही इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया.

कुमाऊं की ये विधा अपने आप में एक लंबा इतिहास समेटे हुए है. ऐसी मान्यता है कि चंद शासन काल में ये विधा मौजूद थी. वहीं, दूसरी मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि 19वीं शताब्दी के प्रारम्भ में बैठकी होली गायन का आरंभ अल्मोड़ा में मल्ली बाजार स्थित हनुमान जी के मंदिर से हुआ था. इसका इतिहास जो भी रहा हो आज पोखरम की होली की चर्चा दूर-दूर तक होती है, जिसमें दूर-दूर से आकर होली गायक शामिल होते हैं.

होली गायन से पूर्व संस्था के संरक्षक मोहन सिंह बिष्ट, संस्था के निदेशक त्रिभुवन बिष्ट, निर्मल पंत, शिव दत्त पांडे, ललित त्रिपाठी, राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इसके बाद मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए. बैठकी होली गायकी को प्रोत्साहित करने के लिए पोखरम संस्थान प्रति वर्ष बैठकी होली गायकी सम्मान प्रदान करता है. इस बार 'पोखरम होली बैठकी सम्मान-2020' निर्मल पंत (अल्मोड़ा) और नवीन बिष्ट (बग्वालीपोखर) को दिया गया.

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'पोखरम होली महोत्सव 2020' में रामनगर, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा, स्याल्दे, द्वाराहाट, चौखुटिया, लखनऊ, हरिद्वार, दिल्ली आदि स्थानों से आए हुए नामचीन होल्यारों के साथ शास्त्रीय संगीत की शुरुआत हुई. होली गायन की परंपरा कुमाऊं में सैकड़ों वर्षों से चल रही है. मोहन सिंह बिष्ट ने जंगला काफी में ‘होली खेलें पशुपतिनाथ नगर नेपाल में’, ललित त्रिपाठी ने 'हो मुबारक मंजरी फूलों भरी, ऐसी होली खेलें जनाब अली बारादरी में रंग बनो है. कुंजन बीच मची होरी', अल्मोड़ा से आए धीरू उस्ताद ने राग पीलू में 'ब्रज में उड़त गुलाल' और निर्मल पंत ने राग क्यान में 'मुरली नागिन सौं' और अमरनाथ भट्ट ने राग काफी में 'कैसी ये धूम मचाई' रागों से मन मोह लिया.

Last Updated : Feb 23, 2020, 9:43 PM IST

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