हरिद्वार:14 नवंबर को हर साल बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री और बच्चों के चहेते पं. जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था. धर्मनगरी हरिद्वार से पं.जवाहर लाल नेहरू की बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं. प्राचीन अवधूत मंडल के महंत स्वामी रूपेंद्र पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताते हैं कि उनके दादा स्वामी गुरू चरणदास जी नेहरू के गुरू थे. ज्वाला नेहरू भी उन्हें अपना गुरू मानती थी. वे बताते हैं कि हैं कि जब भी नेहरू जी को समय मिलता था वो उनका हालचाल जानने यहां पहुंचा जाया करते थे.
अवधूत मंडल के महंत स्वामी रूपेंद्र बताते हैं कि जब भी नेहरू जी किसी परेशानी में होते थे वे गुरू जी को याद किया करते थे. गुरू जी ने भी कभी उन्हें निराश नहीं किया. गुरू के ज्ञान से ही नेहरू ने देश के बड़ी-बड़ी समस्याओं का हल किया. महंत स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने बताया कि स्वामी गुरू चरणदास प्राचीन अवधूत मंडल और भारत साधु समाज के अध्यक्ष थे. भारत साधु समाज के अध्यक्ष होने के नाते उनका पूरे देश में काफी प्रभाव था. उन्होंने बताया स्वामी जी जम्मू कश्मीर से ताल्लुक रखते थे, इसलिए जवाहरलाल नेहरू भी उनसे काफी प्रेम करते थे.
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