उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / headlines

हरिद्वार से पंडित नेहरू का था गहरा नाता, गुरू चरणदास को मानते थे अपना गुरू

बहुत कम लोग जानते होंगे कि स्वामी गुरू चरणदास, प.जवाहर लाल नेहरू के गुरू थे. हरिद्वार के रहने वाले स्वामी गुरू चरणदास भारत साधु समाज के अध्यक्ष थे. पं. नेहरू उनका बहुत सम्मान करते थे और उनकी कोई भी बात नहीं टालते थे.

pandit-nehru-had-a-deep-bond-with-haridwar
हरिद्वार से पं. नेहरू का था गहरा नाता

By

Published : Nov 14, 2019, 6:23 PM IST

Updated : Nov 14, 2020, 2:57 PM IST

हरिद्वार:14 नवंबर को हर साल बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री और बच्चों के चहेते पं. जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था. धर्मनगरी हरिद्वार से पं.जवाहर लाल नेहरू की बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं. प्राचीन अवधूत मंडल के महंत स्वामी रूपेंद्र पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताते हैं कि उनके दादा स्वामी गुरू चरणदास जी नेहरू के गुरू थे. ज्वाला नेहरू भी उन्हें अपना गुरू मानती थी. वे बताते हैं कि हैं कि जब भी नेहरू जी को समय मिलता था वो उनका हालचाल जानने यहां पहुंचा जाया करते थे.

अवधूत मंडल के महंत स्वामी रूपेंद्र बताते हैं कि जब भी नेहरू जी किसी परेशानी में होते थे वे गुरू जी को याद किया करते थे. गुरू जी ने भी कभी उन्हें निराश नहीं किया. गुरू के ज्ञान से ही नेहरू ने देश के बड़ी-बड़ी समस्याओं का हल किया. महंत स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने बताया कि स्वामी गुरू चरणदास प्राचीन अवधूत मंडल और भारत साधु समाज के अध्यक्ष थे. भारत साधु समाज के अध्यक्ष होने के नाते उनका पूरे देश में काफी प्रभाव था. उन्होंने बताया स्वामी जी जम्मू कश्मीर से ताल्लुक रखते थे, इसलिए जवाहरलाल नेहरू भी उनसे काफी प्रेम करते थे.

हरिद्वार से पं. नेहरू का था गहरा नाता

पढ़ें-बाल दिवस स्पेशल: 'दिव्य ज्ञान' की मिसाल ये दो नन्हें भाई, अद्भुत और अकल्पनीय हैं इनके कारनामे

उन्होंने बताया कि 1962 के युद्ध के समय स्वामी गुरू चरणदास के आह्वान पर पूरे भारत साधु समाज ने दो लाख रुपये जमा कर नेहरू जी को दिए थे. स्वामी जी के कहने पर ही पाकिस्तान से आये लोगों को दिल्ली के पंजाबी बाग में रखा गया. स्वामी रूपेंद्र बताते हैं कि एक बार जब दिल्ली में भयंकर बाढ़ आ गई थी. इससे निकलने का नेहरू जी को कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था. जिसके बाद उन्होंने स्वामी जी को दिल्ली बुलवाया. जिसके बाद उन्होंने पूजा-अर्चना की, तब जाकर बाढ़ से लोगों को राहत मिली.

पढ़ें-REALITY CHECK: बच्चों के लिए बाल दिवस का मतलब सरप्राइज पार्टी

वे बताते हैं कि गुरू चरणदास के प्रति नेहरू जी के मन में इतनी श्रद्धा थी कि वे उनकी किसी बात को नहीं टालते थे. उन्होंने बताया कि एक बार हरिद्वार के ही आश्रम के मुख्य द्वार को नगरपालिका के लोग तोड़ना चाहते थे. उस समय स्वामी गुरू चरणदास ने नेहरू जी को फोन कर मामले की जानकारी दी. जिसके बाद नेहरू जी ने तुरंत सहारनपुर के डीएम को फोन कर कहा कि यह हमारा आश्रम है और इस आश्रम में कोई भी ऐसी गतिविधि नहीं होनी चाहिए जो कि स्वामी जी को अच्छी न लगे.

Last Updated : Nov 14, 2020, 2:57 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details