उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / elections

चारधाम यात्रा पर आचार संहिता का साया, आखिर कैसे पूरी होगी तैयारियां? - कांग्रेस

लोकसभा चुनाव के चलते उत्तराखंड में आचार संहिता लागू है. वहीं, सूबे की पांचों लोकसभा सीटों पर बीती 11 अप्रैल को मतदान प्रक्रिया संपन्न हो गई है. वहीं, आगामी 23 मई को चुनाव परिणाम की घोषणा होनी है. ऐसे में जिस तरह राज्य सरकार पिछले चारधाम यात्रा के तैयारियों में जुटी थी, उस तरह तैयारियां इस साल नहीं हो पा रही है.

Chardham yatra

By

Published : Apr 21, 2019, 5:20 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा आगामी 7 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो रही है. जिसके बाद 9 मई को केदारनाथ और 10 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं. हालांकि, इस बार चारधाम यात्रा 20 दिन की देरी से शुरू हो रही है, जबकि पिछली साल यात्रा 18 अप्रैल को शुरू हो गई थी. वहीं, सूबे में आचार संहिता लागू होने चलते इस बार चारधाम यात्रा की तमाम व्यवस्थाओं पर आचार संहिता का पहरा है.

चारधाम यात्रा पर आचार संहिता का साया.
बता दें कि लोकसभा चुनाव के चलते उत्तराखंड में आचार संहिता लागू है. वहीं, सूबे की पांचों लोकसभा सीटों पर बीती 11 अप्रैल को मतदान प्रक्रिया संपन्न हो गई है. वहीं, आगामी 23 मई को चुनाव परिणाम की घोषणा होनी है. ऐसे में जिस तरह राज्य सरकार पिछले चारधाम यात्रा के तैयारियों में जुटी थी, उस तरह तैयारियां इस साल नहीं हो पा रही है. क्योंकि प्रशासनिक अमला चुनाव प्रक्रिया में व्यस्त है. लिहाजा इस बार चारधाम यात्रा के शुरुआती तैयारियां भी काफी कम नज़र आ रही है. यही वजह है कि इस बार राज्य सरकार के लिए चारधाम यात्रा एक बड़ी चुनौती बन गई है. क्योंकि सरकार इस बार आचार संहिता के चलते चारधाम यात्रा का प्रमोशन नहीं कर पाई है. साल 2012 से 2018 तक चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या2012 में 27 लाख 98 हज़ार 466 यात्री चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे थे. 2013 में 13 लाख 53 हज़ार 139 यात्री चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे थे. 2014 में 3 लाख 27 हज़ार 213 यात्री चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे थे. 2015 में 8 लाख 75 हज़ार 77 यात्री चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे थे. 2016 में 15 लाख 21 हज़ार 494 यात्री चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे थे. 2017 में 23 लाख 24 हज़ार 158 यात्री चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे थे. 2018 में 27 लाख 69 हज़ार 508 यात्रियों ने चारधाम के दर्शन किये थे.चारधाम यात्रा से राज्य सरकार को मिलता है बड़ा राजस्वभौगोलिक परिस्थितियों की वजह से उत्तराखंड की आर्थिकी के सीमित संसाधन है. चारधाम यात्रा राज्य सरकार की आर्थिकी जुटाने का एक मुख्य साधन भी है. यही वजह है कि हर साल राज्य सरकार चारधाम यात्रा को बढ़ाने की पुरजोर कोशिश में लगी रहती है. ताकि, अधिक से अधिक यात्री चारधाम यात्रा पर आए. जिससे राज्य सरकार का राजस्व तो बढ़े ही साथ ही यात्रा से स्थानीय लोगों और व्यापारियों को भी लाभ मिल सके.चारधाम यात्रा का प्रमोशन ना होने पड़ेगा फर्कसूबे में आचार संहिता के चलते चारधाम यात्रा पर पड़ने वाले असर पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार जो पब्लिसिटी करना चाहती है, वह आचार संहिता होने की वजह से नहीं कर पा रही है. जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने भारत निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार को पत्र भेजकर चारधाम यात्रा के लिए सहूलियत मांगी है. ताकि, चारधाम यात्रा का प्रमोशन किया जा सके और उन्हें उम्मीद है कि भारत निर्वाचन आयोग उन्हें यह परमिशन दे देगा. यात्रा की पब्लिसिटी न होने के कारण चारधाम में यात्रियों की संख्या में कमी आना स्वाभाविक है. वहीं, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि बीजेपी सरकार चारधाम यात्रा में आचार संहिता का बहाना नहीं कर सकती और उन्हें चुनाव आयोग से परमिशन लेना चाहिए. चुनाव आयोग को भी इस बात का संज्ञान होगा की चारधाम यात्रा प्रदेश की आर्थिकी का एक महत्वपूर्ण अंग है. इससे उत्तराखंड के लाखों परिवारों की रोजी-रोटी चलती है. चारधाम यात्रा लोगों की आस्था का सवाल है और देश-दुनिया से लोग चारधाम के दर्शन करने आते हैं. धस्माना ने कहा कि सरकार को चुनाव आयोग से चारधाम यात्रा के विशेष परमिशन लेनी चाहिए और यात्रा की शत-प्रतिशत तैयारियां सुनिश्चित करनी चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details