खटीमा: किसान आंदोलन के दौरान खटीमा में रेल रोकने वाले किसानों को नोटिस आने से नाराज किसानों ने मीटिंग की. आक्रोशित किसानों ने कहा कि देशभर में एक साल तक चले किसान आंदोलन को समाप्त करते समय केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों में आंदोलन के दौरान किसानों पर लगे केसों को वापस करने पर सहमति दी गई थी. किसानों द्वारा आंदोलन के दौरान उधम सिंह नगर जनपद में खटीमा सहित सभी रेलवे स्टेशनों पर रेल रोकी गयी थी. जहां पूरे जिले में किसी भी किसान को कोई नोटिस नहीं आया है, लेकिन खटीमा में रेल रोकने पर किसानों को पुलिस द्वारा नोटिस दिए गए हैं.
किसान संयुक्त मोर्चा के उधम सिंह नगर जनपद के जिला अध्यक्ष सरदार गुरसेवक सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में कहीं भी इस संबंध में किसानों को नोटिस नहीं जारी किया गया है. केवल खटीमा में ही रेल रोकने पर किसानों को नोटिस देकर उनके घर पर जा जाकर पुलिस द्वारा किसानों को तंग किया जा रहा है. इससे प्रतीत होता है कि भाजपा के किसी बड़े स्थानीय नेता की शह पर ऐसा किया जा रहा है, जो कि सरासर गलत और अन्याय है तथा सरकार की वादाखिलाफी है.
रेल रोकने वाले किसानों को मिले पुलिस के नोटिस, सरकार को दी प्रदर्शन की चेतावनी
कृषि कानूनों का विरोध करने के दौरान किसानों ने रेल रोकी थीं. उस दौरान रेल रोकने पर दर्ज मुकदमों में अब पुलिस किसानों को नोटिस भेज रही है. पुलिस के नोटिस से खटीमा के किसान नाराज हैं. किसानों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन की चेतावनी दी है.
खटीमा के किसानों को नोटिस
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गुरसेवक ने बताया कि यदि 30 जनवरी तक किसानों पर लगे सभी मुकदमे वापस नहीं किए जाते हैं तो किसान गांव गांव जाकर आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ प्रचार करेंगे. बीजेपी को वोट ना देने के लिए जनता से अपील करेंगे. वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हर तहसील में प्रदर्शन करते हुए भारत सरकार का पुतला फूंका भी जाएगा.