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जन्माष्टमी के मौके पर सजे देवभूमि के मंदिर, जगह-जगह हो रहे रंगारंग कार्यक्रम

भगवान कृष्ण का जन्मदिन मनाने के लिए मंदिरों और कृष्ण भक्तों के घरों में जोरो-शोरों से तैयारियां चल रही हैं. इस क्रम में प्रदेशभर के मंदिर भी सज गए हैं. साथ ही कई जगहों पर रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुतियां दी गईं.

उत्तराखंड में जन्माष्टमी.

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Published : Aug 23, 2019, 7:02 AM IST

रुद्रपुर/लक्सर/सोमेश्वर:कृष्ण जन्माष्टमी इस साल 23 और 24 अगस्त को मनाई जा रही है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने रात 12 बजे जन्म लिया था. भगवान कृष्ण का जन्मदिन मनाने के लिए मंदिरों और कृष्ण भक्तों के घरों में जोरो-शोरों से तैयारियां चल रही हैं. इसी क्रम में देवभूमि के मंदिर भी सज गए हैं. प्रदेशभर में जगह-जगह मंदिर रंग बिरंगी लाइटों से सज गए हैं.

उत्तराखंड में जन्माष्टमी.

श्रीकृष्ण जन्म अष्टमी को लेकर रुद्रपुर जिले में अभी से धूम मची हुई है. रूद्रपुर के सबसे बड़े और प्राचीन मंदिर लक्ष्मी नारायण मंदिर में भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है. श्रीकृष्ण राधा मंदिर को विशेष तरीके से सजाया गया है. मंदिर समिति के पदाधिकारी ने कहा कि रुद्रपुर के लक्ष्मी नारायण की स्थापना वर्ष 1954 में हुई थी. तब से लेकर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से पूर्व ही यहां पर भगवान श्रीकृष्ण महोत्सव का आयोजन शुरू हो जाता है.

वहीं, शहर में कई सामाजिक संस्थाओं और कलाकारों द्वारा सुंदर झाकियां निकाली जाएंगी. 23 अगस्त की सुबह से भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन शुरू हो जाएंगे.

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लक्सर में भी जन्माष्टमी के पर्व को लेकर संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है. स्कूली छात्राओं ने कृष्ण जन्म की लीला से लेकर मटकी फोड़ और श्रीकृष्ण-सुदामा की दोस्ती की लीला का मंचन किया. वहीं, कार्यक्रम में पहुंची लक्सर तहसील की तहसीलदार सुनैना राणा ने आयोजकों को बधाई दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा दिखाई गई कृष्ण की लीलाओं का बहुत अच्छा मंचन किया गया है.

सोमेश्वर में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर स्कूली बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए. जिसमें कृष्ण की बाल लीला, दही हांडी, गीता के उपदेश के अलावा कई अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. वहीं, विद्यालय के प्रधानाचार्य बीसी पंत ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से बच्चों की प्रतिभा निखरने के साथ उनका विकास भी होता है.

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