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देवभूमि में भारत बंद का दिखा असर, केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतरे मेहनतकश

ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को प्रदेश के अलग-अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए. इस दौरान ट्रेड यूनियनों के कर्मचारियों और अधिकारियों ने सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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देवभूमि में भारत बंद का दिखा मिला जुला असर

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Published : Jan 8, 2020, 8:39 PM IST

Updated : Jan 8, 2020, 11:59 PM IST

हरिद्वार/मसूरी/पिथौरागढ़/काशीपुर/रुद्रपुर:ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत का बंद का असर देवभूमि में भी देखने को मिला. सुबह से ही प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से विरोध और नारेबाजी की खबरें सामने आई. हरिद्वार, मसूरी, पिथौरागढ़, काशीपुर, रुद्रपुर और दूसरे शहरों में दुकानें व संस्थान बंद रहे. जिसके कारण सड़कें और बाजार सुनसान नजर आये. इस मौके पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी सड़कों से गायब दिखे.

बारिश के बाद भी हरिद्वार में जमा हुए प्रदर्शनकारी

ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर हरिद्वार में भी बीएचईएल के अलावा बैंकों के कर्मचारियों ने हड़ताल की. कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों के अलावा केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. हरिद्वार में बारिश के बावजूद भी श्रमिकों ने चंद्राचार्य चौक और ओबीसी बैंक के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा अगर सरकार अब भी नहीं चेती तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.

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मसूरी

बात अगर पहाड़ों की रानी की करें तो यहां भी भारी बारिश और बर्फबारी के बाद भी मजदूर संगठनों के कार्यकर्ता मसूरी के पिक्चर पैलेस चौक पर एकत्रित हुए. इस दौरान उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर मजदूर विरोधी नीतियां बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा आज मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण पूरे देश के मजदूर, युवा और छात्र-छात्राएं परेशान हैं. ये देशव्यापी हड़ताल, महंगाई, बेरोजगारी व सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ है. प्रदर्शनकारियों ने मोदी सरकार पर देश को धर्म के नाम पर बांटने का आरोप लगाया.

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काशीपुर

काशीपुर में भी भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला. यहां उत्तरांचल बैंक एंप्लाइज यूनियन (एआईबीए) के ने नारेबाजी और प्रदर्शन कर भारत बंद का समर्थन किया. यहां पहले से ही घोषित कार्यक्रम के अनुसार बैंक कर्मचारी काशीपुर में बाजपुर रोड स्थित पूर्ववर्ती विजया बैंक वर्तमान में बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा के बाहर सुबह 10 बजे एकत्रित हुए. जिसके बाद इन्होंने अपनी घोषित मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी करते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी की. इस दौरान मौजूद वक्ताओं ने देश में तेजी से बिगड़ती अर्थव्यवस्था के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया.

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रुद्रपुर

भारत सरकार की नीतियों के विरोध में ट्रेड यूनियनों ने रुद्रपुर में भी जमकर विरोध प्रदर्शन किया. जिला मुख्यालय में कई यूनियनों ने हड़ताल को समर्थन देते हुए केंद्र सरकार की नीतियों पर जमकर हल्ला बोला. इस दौरान सिडकुल पन्तनगर की 45 यूनियनों के साथ ही आंगनबाड़ी यूनियन, भोजन माता यूनियन और आशा कार्यकत्री यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल को अपना समर्थन दिया. इसके अलावा आधा दर्जन बैंकों की यूनियनों ने इस हड़ताल में हिस्सा लिया. इस दौरान दर्जनों कर्मचारी रूद्रपुर के अम्बेडकर पार्क में एकत्रित हुए. जहां केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया गया.

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पिथौरागढ़

ट्रेड यूनियन की हड़ताल का असर सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में भी देखने को मिला. यहां विभिन्न मजदूर संगठनों ने केन्द्र सरकार की नीतियों के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने केन्द्र सरकार पर पूंजीपतियों के हितों के लिए कमजोर वर्ग की अनदेखी का आरोप लगाया. हडताल पर गये ट्रेड यूनियनों की मांग है कि 21 हजार रूपये न्यूनतम मजदूरी और 10,000 रूपये मासिक पेंशन दी जाए. न्यूनतम मजदूरी लागू की जाए, नई पेंशन योजना वापस हो और पुरानी पेंशन बहाल की जाए. इसके अलावा आउटसोर्सिंग और ठेका प्रथा को खत्म करने की मांग भी यूनियन कर रहे हैं.

Last Updated : Jan 8, 2020, 11:59 PM IST

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