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नशे में वाहन चलाने पर होगा ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त, सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने RTO ने तैयार किए चार प्लान - उत्तराखंड न्यूज

क्षेत्र में सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रशासन ने विशेष कदम उठाए हैं. विभाग रोड नियम के अनुसार फॉर ईच ऑफ द रोड सेफ्टी के अंतर्गत चारों नियमों पर कार्य कर रहा है, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके.आम जनता से बात करके सीट बेल्ट, हेलमेट की महत्ता को बताया जाता है. लोगों को जागरूक करने के लिए शॉर्ट फिल्म, पोस्टर और सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है.

नशे में वाहन चलाना पड़ेगा महंगा

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Published : Mar 6, 2019, 8:55 PM IST

रामनगरः शहर में अब नशे में वाहन चलाने वालों की खैर नहीं. प्रशासन ने यातायात के नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कमर कस ली है. शहर में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं के लिए परिवहन विभाग ने विशेष अभियान चलाया है. जानकारी के अनुसार विभाग रोड नियम के अनुसार फॉर ईच ऑफ द रोड सेफ्टी के अंतर्गत चारों नियमों पर कार्य कर रहा है, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके.

रामनगर और उसके आसपास के क्षेत्रों में आये दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं, जिसको देखते हुए रामनगर परिवहन उप सम्भागीय विभाग द्वारा विशेष कदम उठाए हैं. विभाग द्वारा रोड नियमों के चारो बिंदुओं पर कार्य किया जा रहा है. फॉर इीच इच ऑफ दा रोड सेफ्टी के तहत एजुकेशन, इंफोर्समेंट, रोड इंजीनियरिंग और इमरजेंसी सर्विस के ज़रिए इस संबंध में कार्य किया जा रहा है, जिससे सड़कों को सुरक्षित बनाया जा सके.

विभाग द्वारा व्यापक पैमाने पर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें नशे में वाहन चलाने वाले, ड्राइविंग करते समय मोबाइल पर बात करना, बाइक पर तीन सवारी बैठाना, वाहनों में ओवर लोडिंग आदि को लेकर कड़ी कार्रवाई की जा रही है. ऐसे वाहन चालकों के चालान किये जा रहे हैं. इसके अलावा वाहन चालक के ड्राइविंग लाइसेंस को तीन माह के लिए निरस्त करना जैसे कदम भी उठाए जा रहे हैं.

यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों से प्रशासन अब सख्ती से निपटेगा

एआरटीओ विमल कुमार पांडे ने बताया कि एसडीएम और पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर सड़क हादसों की वजह पर शोध किया तो पता चला कि ज्यादातर हादसे हाई-वे से मिलने वाले चौराहे, मोड़, टीरोड, क्रॉस रोड वाली जगह पर होते हैं. इसके लिए उन जगहों पर रमबिल स्ट्रिप बनाये गये हैं. रोड इंजीनियरिग के माध्यम से सड़क किनारे टायरों के पैराफिट भी बनाये गये हैं.

उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से इसके रिजल्ट अच्छे आये हैं और दुर्घटनाओं में कमी आयी है.उन्होंने बताया कि आम जनता से बात करके सीट बेल्ट, हेलमेट की महत्ता को बताया जाता है. लोगों को जागरूक करने के लिए शॉर्ट फिल्म, पोस्टर और सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है.

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