लक्सर: हरिद्वार जिला कोविड सैंपलिंग को लेकर फिर से चर्चा में आ गया है. यहां एक युवक ने कोविड जांच नहीं कराई थी. इसके बावजूद उसके मोबाइल पर कोविड जांच की रिपोर्ट आई है.
टेस्ट नहीं कराया फिर भी आ गई रिपोर्ट: मामला लक्सर के सीमली गांव का है. अमरपाल नाम के युवक के मोबाइल पर उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट आई है. अमरपाल का कहना है कि उसे मोबाइल पर एक मैसेज मिला. मैसेज में उसकी कोविड जांच रिपोर्ट की सैंपलिंग की जानकारी दी गई है. मैसेज देखकर अमरपाल हक्का-बक्का रह गया.
उत्तर प्रदेश में सैंपल देने की आई रिपोर्ट: अमरपाल ने मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक किया. क्लिक करते ही सैंपलिंग की पूरी रिपोर्ट खुल गई. रिपोर्ट में अमरपाल का कोविड टेस्ट उत्तर प्रदेश के बिजनौर में गोपालपुर सेंटर में सैंपल लेकर किए जाने की जानकारी दी गई है. दिलचस्प बात ये है कि रिपोर्ट में अमरपाल और उसके पिता का नाम तथा उसका मोबाइल नंबर दर्ज है. सैंपल लेने का स्थान गोपालपुर बिजनौर दर्शाया गया है.
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अमरपाल लगवा चुके हैं वैक्सीन की दोनों डोज: वहीं अमरपाल का कहना है कि वह पूरी तरह से स्वस्थ है. उसने हाल-फिलहाल कोविड की कोई जांच नहीं कराई है. उसने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज पहले ही लगवाईं हैं. जबकि सैंपलिंग की रिपोर्ट में उसे दोनों डोज नहीं लगने की जानकारी दी गई है. मैसेज आने के बाद उसने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अलावा उत्तराखंड कोविड हेल्पलाइन पर काल करके जानकारी करने और अपनी शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया. लेकिन उसे कोई जानकारी नहीं मिल सकी.
जिलाधिकारी हुए सक्रिय:बिना टेस्ट कराए मोबाइल पर सैंपल देने की रिपोर्ट का मैसेज आने के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है.हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे का कहना है कि मेरे द्वारा आला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसा क्यों हुआ इसकी जांच कर मुझे शाम तक बताएं. रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
हरिद्वार कुंभ में ऐसे हुआ था कोरोना टेस्टिंग घोटाला:हरिद्वार कुंभ में बड़े स्तर पर कोविड 19 टेस्टिंग घोटाला हुआ था. स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते हैं यह कहानी शुरू हुई पंजाब के फरीदकोट से. यहां रहने वाले एक शख्स विपन मित्तल की वजह से कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खुल सकी. एलआईसी एजेंट विपन मित्तल को उत्तराखंड की एक लैब से फोन आता है, जिसमें यह कहा जाता है कि 'आप की रिपोर्ट निगेटिव आई है', जिसके बाद विपन कॉलर को जवाब देता है कि उसका तो कोई कोरोना टेस्ट हुआ ही नहीं है तो रिपोर्ट भला कैसे निगेटिव आ गई. फोन आने के बाद विपन ने फौरन स्थानीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. स्थानीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए को देखते हुए पीड़ित शख्स ने तुरंत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से शिकायत की. ICMR ने घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा.