रुड़की:लॉकडाउन 4.0 की समाप्ति के बादकेंद्र सरकार ने 1 जून से अनलॉक-1 का ऐलान किया है. जिसके साथ ही प्रदेशों में बिना पास के आने-जाने की घोषणा भी की गई है, लेकिन इसे लेकर कहीं न कहीं लोगों में संशय बना हुआ है. अब इससे अन्य प्रदेशों से उत्तराखंड पहुंच रहे लोगों के लिए संकट खड़ा हो रहा है.
बता दें कि अन्य प्रदेशों से प्रवासी अपने प्रदेश उत्तराखंड तो पहुंच रहे है, लेकिन नारसन बॉर्डर पर पहुंचकर इनको निराशा का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल उत्तराखंड सरकार ने अभी तक बिना ई-पास के उत्तराखंड में प्रवेश पर रोक लगा रखी है. अब जो लोग बिना ई-पास के बाहरी प्रांतों से हजारों किलोमीटर का रास्ता तय करके उत्तराखंड के बॉर्डर तक पहुंच रहे हैं, उन्हें वापस भेजा जा रहा है.
नारसन बॉर्डर पर बिना ई-पास के प्रवासी लौट रहे वापस. यह भी पढ़ें:अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई करेगा वन विभाग, टीम गठित
ऐसे ही कुछ यात्री नारसन बॉर्डर पर भटकते हुए परेशन हाल में देखने को मिले, जिनको ई-पास ना होने के चलते वापस भेज दिया गया. बॉर्डर पर भटक रहे कुछ लोगों का कहना है कि वह राजस्थान से आए हैं और किसी भी प्रदेश में उन्हें रोका नहीं गया, लेकिन उत्तराखंड बॉर्डर पर उन्हें प्रशासन ने जाने से मना कर दिया.
इन प्रवासियों का कहना है कि आगे जाने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. साथ ही किसी अधिकारी की तरफ से उन्हें कोई गाइडलाइन भी नहीं मिल रही है. वहीं इस पूरे मामले में एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह का कहना है कि अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों के लिए निर्धारित पास और अनुमति की आवश्यकता है. जिन लोगों के पास अनुमति और ई-पास है उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. वहीं बिना ई-पास के बॉर्डर से एंट्री नहीं मिल सकती है.