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रुड़की में कुर्बानी के बकरों को नहीं मिल रहे खरीददार, जानिए क्यों - bakra Eid

12 अगस्त को देशभर में ईद-उल-जुहा का त्योहार मनाया जाएगा. जिसे लेकर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में तैयारी जोरों पर हैं. कुर्बानी के लिए बकरों के बाजार सजे हुए हैं. गली मोहल्लों में बकरे को खरीदने और बेचने का सिलसिला जारी है.

ईद उल जुहा पर पड़ी मंदी की मार

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Published : Aug 11, 2019, 7:48 PM IST

Updated : Aug 12, 2019, 1:43 PM IST

रुड़की :12 अगस्त को देश भर में ईद-उल-जुहा मनाई जाएगी. जिसे लेकर सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं. ईद-उल-जुहा को लेकर बकरा मंडी में भी खूब रौनक है. वहीं, बात अगर बकरा खरीदारों की करें तो इस साल मंदी देखने को मिल रही है. रुड़की मंडी में बड़ी बकरा मंडी लगती है, जहां कभी बकरों को लेने के लिए लोगों की लाइन लगी रहती थी. लेकिन त्योहारी सीजन होने के बावजूद भी ये मंडी खाली है.

ईद-उल-जुहा पर पड़ी मंदी की मार

12,13 और 14 अगस्त को देशभर में ईद-उल-जुहा का त्योहार मनाया जाएगा. जिसे लेकर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में तैयारी जोरों पर हैं. कुर्बानी के लिए बकरों के बाजार सजे हुए हैं. गली मोहल्लों में जानवर खरीदने और बेचने का सिलसिला जारी है. ईद-उल-जुहा के लिए रुड़की की इमली रोड पर हर नस्ल के अलावा झारखंड के विभिन्न हिस्सों से बकरे मंगवाए गए हैं. बकरे की कद-काठी, खूबसूरती और नाम को देखते हुए खरीददार इनका दाम लगा रहे हैं. बाजार में अच्छी नस्ल और वजनी बकरे की कीमत 10 हजार से शुरू होकर 2 लाख तक है.

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हर बार की तरह इस बार भी खस्सी विक्रेताओं ने अपने बकरे का नाम हिंदी फिल्मों व स्टार के नाम पर रखा है. इस बार ज्यादातर बकरे राजस्थान, झारखंड और रांची के ग्रामीण क्षेत्रों से लाए गए हैं. इनमें मुख्य रूप से अजमेरी, राजस्थानी, अलवरी, तोता परी, सोजत दोगली नस्ल आदि के बकरे शामिल हैं. इसके अलावा पड़ोसी राज्य जैसे हरियाणा, पंजाब, हिमाचल से भी बकरे रुड़की मंडी में लाए गए हैं.

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वहीं, बकरा विक्रेताओं का कहना है कि इस बार महंगाई की मार, नोटबंदी और जीएसटी की वजह से बकरों की बिक्री में कमी आई है. बकरा विक्रेताओं ने बताया कि इस बार सबसे ज्यादा राजस्थानी नस्ल के बकरे बिके हैं. एक बकरा विक्रेता ने ईटीवी भारत को बताया कि बकरों को 5 साल से बकरीद पर बेचने के लिए रखा था. बकरा विक्रेता ने बताया कि उसके बकरे की कीमत 2 लाख है, लेकिन इस बकरे को पूरी मंडी में कोई खरीदार नहीं मिल रहा है.

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बकरा विक्रेता जमालुद्दीन ने बताया है कि 4 दिन में अभी तक 7,8 बकरे ही बिके हैं. बकरे के खरीदारों में आई कमी के बारे में जमालुद्दीन ने कहा कि महंगाई के कारण बकरों के खरीदार नहीं मिल रहे हैं. जिसके कारण लोगों का कारोबार ठप हो चुका है.

Last Updated : Aug 12, 2019, 1:43 PM IST

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