ऋषिकेशः विश्व कैंसर दिवस के मद्देनजर बीते सोमवार को एम्स ऋषिकेश में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां मरीजों, तिमारदारों और नर्सिंग ऑफिसरों को कैंसर के लक्षण और बचाव संबंधी जानकारी दी गई. इस दौरान एम्स निदेशक रवि कांत ने वहां मौजूद लोगों को बताया कि कैंसर को शुरुआती अवस्था में उचित उपचार कर ठीक किया जा सकता है. वहीं रेडिएशन ओंकॉलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो.मनोज गुप्ता ने लोगों को कैंसर से शुरुआती लक्षणों की जानकारी दी.
विश्व कैंसर दिवस पर एम्स ऋषिकेश में किया गया जन जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन, विशेषज्ञों ने दी अहम जानकारी
एम्स ऋषिकेश में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां मरीजों, तिमारदारों और नर्सिंग ऑफिसरों को कैंसर के लक्षण और बचाव संबंधी जानकारी दी गई. इस दौरान एम्स निदेशक रवि कांत ने वहां मौजूद लोगों को बताया कि कैंसर को शुरुआती अवस्था में उचित उपचार कर ठीक किया जा सकता है. वहीं रेडिएशन ओंकॉलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो.मनोज गुप्ता ने लोगों को कैंसर से शुरुआती लक्षणों की जानकारी दी.
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इस अवसर पर निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने बताया कि इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट कैंसर की ओर से घोषित विश्व कैंसर दिवस का मुख्य उद्देश्य जनजागरूकता अभियान से कैंसर की बीमारी और उससे बढ़ रही मृत्यु दर को कम करना है. उन्होंने बताया कि संस्थान में कैंसर के उपचार के लिए सभी आधुनिकतम सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनमें शल्य चिकित्सा, विकिरण चिकित्सा और कीमोथैरेपी आदि शामिल हैं. इसके अलावा एडवांस स्टेज के मरीजों के लिए पैलिएटिव केयर की सुविधा उपलब्ध है, जिससे रोगी का अवशेष जीवन आराम से व्यतीत हो सके. उन्होंने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन करीब 170 कैंसर रोगी आ रहे हैं, जिनमें लगभग 30 नए रोगी होते हैं.
वहीं रेडिएशन ओंकॉलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो.मनोज गुप्ता ने लोगों को कैंसर से शुरुआती लक्षणों की जानकारी दी. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कैंसर के वार्निंग सिग्नल बताए. साथ ही उन्होंने बताया कि ऐसे लक्षण पाए जाने पर इसकी जल्दी जांच करानी चाहिए.
ये हैं कैंसर के लक्षण
⦁ मुहं में बार बार छाले,
⦁ लंबे समय तक आवाज में परिवर्तन,
⦁ काफी दिनों तक खांसी रहना और दवा लेने पर भी उसका ठीक नहीं होना,
⦁ खांसी के साथ खून आना, स्तन में गांठ का होना,
⦁ शरीर के किसी भी छिद्र से असामान्य रक्त स्राव होना, शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ का तेजी से बढ़ना,
⦁ पेशाब के रास्ते खून का स्राव आदि मुख्य हैं.