ऋषिकेश:भरत विहार में कुंभ पार्किंग की लगभग 6.5 एकड़ भूमि पर भूमाफियाओं ने पहले कब्जा किया और फिर उसे बेच दिया. सिर्फ इतना ही नहीं, जमीन पर भवनों का निर्माण भी हो गया. इस बीच अचानक स्थानीय प्रशासन होश में आया. एमडीडीए के साथ मौके पर पहुंचकर संबंधित भवनों को सील कर दिया. मगर जमीन पर हक को लेकर स्थानीय प्रशासन ने चुप्पी साध ली. अब देहरादून जिलाधिकारी ने संबंधित भूमि का स्थलीय निरीक्षण कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार भरत विहार में सरकारी भूमि पर ही कब्जे का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे, तो उन्होंने जमीन से जुड़े हर पहलू को न सिर्फ बेपर्दा किया, बल्कि कुछ कर्मचारियों को शो-कॉज नोटिस जारी करने की बात तक कह डाली. निरीक्षण में डीएम ने बताया कि विधानसभा चुनाव के बाद यहां भवनों का निर्माण किया गया. यह सब गलत खसरा नंबर दर्शाकर (खसरा 279-1 दिखाकर) किया गया.
देहरादून जिलाधिकारी ने इसे अवैध निर्माण बताते हुए तहसील प्रशासन को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए निर्देशित किया. उन्होंने बताया कि प्रशासन इस जमीन का इस्तेमाल लंबे वक्त से कुंभ पार्किंग के लिए करता रहा है. वह इस पूरे मामले को लेकर जागरूक हैं. यह बेहद संवेदनशील मामला है. लिहाजा, इसमें जमीन कब्जाने वाले भूमाफियाओं पर भी एक्शन लिया जाएगा.
डीएम ने बताया कि इस बाबत कुछ कर्मचारियों को नोटिस भी जारी किए गए हैं. अतिक्रमण पर प्रशासन कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगा. बता दें कि, कुछ वक्त पहले मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने स्थानीय प्रशासन के साथ भवनों को सील किया था. तहसीलदार अमृता शर्मा ने जमीन के सवाल पर प्राधिकरण को मजिस्ट्रियल सहायता उपलब्ध कराने की बात कही थी. जबकि, प्राधिकरण के अफसरों ने इस जमीन को डीएम देहरादून के नाम दर्ज बताया था.
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परत दर परत मामले का खुलासा होने के बाद जैसे ही अधिकारियों के द्वारा कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए, भू माफियाओं में हड़कंप मच गया. कुछ भूमाफिया देहरादून के चक्कर काटने लगे. फिलहाल इस मामले में अपडेट है कि देहरादून के जिलाधिकारी डॉक्टर आर राजेश कुमार ने एमडीडीए के साथ मौके पर पहुंचकर संबंधित भवनों को सील कर दिया.