ऋषिकेश:परमार्थ निकेतन गंगा तट पर शनिवार को पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन पितृ विसर्जन कुपोषण तर्पण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. डॉक्टर अखिलेश कुमार मिश्र, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग देहरादून के मार्ग दर्शन में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
देश में कुपोषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है. देश के भविष्य को कुपोषण मुक्त करने और स्वस्थ माहौल देने करने के उद्देश्य से पहली बार कुपोषण को एक प्रमुख समस्या के रूप में चिह्नित किया गया है. जिसके तहत भारत सरकार ने राष्ट्रीय पोषण मिशन अभियान का शुभारंभ किया है.
भारत सरकार ने राष्ट्रीय पोषण मिशन अभियान का शुभारंभ किया. यह भी पढ़ें:चीफ जस्टिस ने शुरू किया 'संकल्प नशा मुक्ति देवभूमि' अभियान, नशे से ग्रसित लोगों का होगा पुनर्वास
पोषण अभियान के अंतर्गत सितंबर महीने को पोषण महीने के रूप में पूरे देश भर में मनाया जा रहा है. कुपोषण एक बहुआयामी समस्या है. जिससे छुटकारा पाने के प्रयास का एक मुख्य बिंदु जागरुकता अभियान है. कार्यक्रम के माध्यम से कुपोषण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली छात्र-छात्राओं ने परमार्थ परिसर में रंगोली बनायी और पितृ तर्पण हेतु दीपदान किया.
स्वामी चिदानंद ने बताया कि कुपोषण को कम करने के लिए गंगा एक्शन परिवार परमार्थ निकेतन ने 'मिड डे फ्रूट योजना' पर जोर दिया है. जिसका उद्देश्य है कि देश के सभी स्कूलों में छात्रों द्वारा फलदार पौधे रोपित किए जाएं.
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इससे छात्र अपने हाथ से लगाए पौधों से भावनात्मक रूप से जुड़े रहेंगे. साथ ही पर्यावरण संरक्षण के साथ ही कुछ साल बाद 'मेरा स्कूल मेरा पेड़' योजना के अंतर्गत स्कूल में ही फलों का उत्पादन भी होने लगेगा. इससे कुछ हद तक कुपोषण को कम किया जा सकता है. इस योजना को प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में भी स्थानीय संस्थाओं, स्कूलों और लोगों के सहयोग से शुरू किया जा रहा है.