रामनगर: वन प्रभाग ने हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अगस्त 2018 से निजी पालतू हाथियों के अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी है. जिसके चलते रामनगर वन प्रभाग की सीमा पर स्थित ढिकुली क्षेत्र में सात निजी हाथियों को जब्त कर लिया गया था. जिसमें से एक हाथी फूलमाला को हाईकोर्ट ने रिलीज कर दिया. वहीं दो हाथी बीमारी के चलते मर गए है. अब रामनगर वन प्रभाग में 3 और हाथी विभागीय देखरेख में पल रहे हैं.
हाईकोर्ट के आदेश पर मादा हथनी को किया गया मालिक के सुपुर्द . यह भी पढ़ें:उत्तराखंडः कौशल्या देवी के जोश और जज्बे का कमाल, बंजर खेत उगल रहे 'सोना'
रामनगर वन प्रभाग ने हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अगस्त 2018 से निजी पालतू हाथियों के अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी थी. जिसके चलते रामनगर वन प्रभाग की सीमा पर स्थित ढिकुली क्षेत्र में सात निजी हाथियों को कब्जे में लिया गया था. इन सात हाथियों से हाथी स्वामियों द्वारा पर्यटकों को एलिफेंट सफारी कराई जाती थी. यह सात हाथी गैरकानूनी रूप से हाथी स्वामियों के कब्जे में थे. वहीं भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 और पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के तहत इन हाथियों को वन विभाग ने जब्त कर लिया था.
जिसके बाद हाथी स्वामियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपना पक्ष रखा था. जिस पर दो साल बाद हाथी स्वामी सादिक का पक्ष सुनते हुए एक हाथी फूलमाला को उसके स्वामी के सुपुर्द करने के आदेश वन विभाग रामनगर को दिए गए. रामनगर वन के एसडीओ तिवारी ने बताया कि ये हथनी फूलमाला को हाईकोर्ट के आदेश पर हाथी को मालिक के सुपुर्द कर दिया गया है.